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Tulsi Business: तुलसी के जरिए Immunity के साथ बढ़ाये अपना बैंक बैलेंस, जाने कैसे!

भारत स्वास्थ्य

देश में आई कोरोना महामारी ने ना सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाला है बल्कि उनकी आर्थिक स्थितियों की भी कमर तोड़ कर रख दी है। कोरोनावायरस के चलते कई लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। नौकरियों की किल्लत होने के चलते अब कई लोग खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं। ऐसे में हम जिस खेती के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उसमें मात्र 15 हजार रुपए  का इन्वेस्टमेंट ही लगता है पर वह खेती 3 लाख रुपए तक की कमाई करके देती है।  दरअसल जिस खेती के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं सच बताएं तो उसे अगर हम मनी प्लांट का नाम दें तो गलत नहीं होगा। क्योंकि यह खेती हमें बहुत ही कम निवेश में अतिरिक्त लाभ देती है। हम बात कर रहे हैं तुलसी (Tulsi) की खेती की। अगर आप कम निवेश में खेती करने के बारे में सोच रहे हैं तो तुलसी की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

गुणों से युक्त तुलसी (Tulsi) देती है कम लागत में लाखों का फायदा

इस कोरोनावायरस के चलते लोगों का रुख नेचुरल दवाइयों और आयुर्वेदिक दवाइयों की और कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से मेडिसिनल बेनिफिट से युक्त प्लांट की मांग काफी ज्यादा देखी जा रही है। तुलसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके चलते इसकी मांग में भी काफी इजाफा देखने को मिल रहा है । अगर हाल फिहाल की बात की जाए तो बाजार में तुलसी की डिमांड काफी बढ़ गई है। तुलसी (Tulsi) में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सेहत के साथ-साथ अच्छी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते हैं। तुलसी (Tulsi) का उपयोग दवाइयों के साथ साथ कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी किया जाता है और यही कारण है कि अगर तुलसी का बिजनेस किया जाए तो कम लागत में काफी फायदा होता है।

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कैसे करे तुलसी (Tulsi) की खेती की शुरुआत

तुलसी (Tulsi) की खेती करने के लिए आपको जरा भी लंबी चौड़ी खेती की जरूरत नहीं है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए भी तुलसी का बिजनेस शुरू किया जा सकता है, जिसमें खर्च ज्यादा नहीं होता है। शुरुआती तौर पर तुलसी की खेती में महज 15 हजार रुपए की लागत आती है। बुवाई करने के 3 महीने बाद ही औसतन 3 लाख रुपए में तुलसी की फसल बिक जाती है।

खेती के बाद कब और कैसे करे तुलसी की कटाई, इस तरह बेचे मार्केट में तुलसी की फसल

तुलसी (Tulsi) के पौधे को खेत में लगाने के लिए जुलाई का महीना सबसे सही माना जाता है।  45 X 45 सेंटीमीटर की दूरी पर तुलसी के सामान्य पौधों को लगाना चाहिए , वही RRLOC 12 और RRLOC 14 के पौधों में 50 X 50 सेंटीमीटर की दूरी होना अनिवार्य होती है। जैसे ही पौधे को लगा दें उसके बाद उन पर हल्की सी सिंचाई करना ना भूले। सप्ताह में एक बार या पौधों की जरूरत के मुताबिक उन्हें पानी देना चाहिए। वही विशेषज्ञ मानते हैं कि जब फसल की कटाई करने वाले हैं तब 10 दिन पहले ही तुलसी के पौधों पर सिंचाई करना बंद कर देना चाहिए।  तुलसी के पौधों की कटाई तब शुरू करनी चाहिए जब इनके पौधों में बड़ी-बड़ी पत्तियां आ जाए। इसकी सही वक्त पर कटाई करना बहुत आवश्यक होती है। अगर सही वक्त पर तुलसी की कटाई ना की जाए तो इसका असर तेल की मात्रा पर देखा जा सकता है। अगर तुलसी के पौधे पर फूल आ जाते हैं तो उसके कारण भी इसमें तेल की मात्रा कम हो जाती है तो जैसे ही पौधों पर फूल आने लग जाए तो तुरंत इसकी कटाई शुरु कर देनी चाहिए। ध्यान रखें कि तुलसी के पौधों की कटाई 15 से 20 मीटर ऊंचाई से करनी चाहिए, इससे पौधों की जल्दी ही नई शाखाएं आ जाती है। मंडी एजेंट के माध्यम से तुलसी को मार्केट में बेचा जा सकता है या तो फिर मंडी में जाकर भी तुलसी खरीदने वाले खरीदारों से कांटेक्ट बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही यह जो कंपनियां या एजेंसियां कांटेक्ट फॉर्मिंग करवाती है उन्हें भी माल बेचा जा सकता है। मार्केट में कई आयुर्वेदिक कंपनियां है जैसे कि पतंजलि (Patanjali), वैद्यनाथ (Baidyanath), डाबर (Dabur), हिमालय (Himalaya) ये सब भी कॉन्ट्रैक्ट पर तुलसी की खेती करवाती आ रही है, जिससे इनके लिए तुलसी (Tulsi) की सप्लाई आसानी से की जा सके।

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गुणों से युक्त तुलसी करती है इन सभी समस्याओं का खात्मा (Tulsi Ayurveda Benefits)

वहीं अगर हम तुलसी के औषधीय गुणों की बात करें तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद बताई गई है। ना सिर्फ तुलसी की पत्ती  बल्कि उसकी जड़, शाखाएं, बीज सभी गुणों से भरपूर है। घरों में ज्यादातर दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है, एक जिस की पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा होता है जिससे श्यामा तुलसी कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ की तुलसी जिसको रामा तुलसी का नाम दिया गया है उस पौधे की पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है।

  • तुलसी पुरुषों में शारीरिक कमजोरी को लेकर भी काफी फायदेमंद बताई गई है, इसके बीज का इस्तेमाल करने पर शारीरिक कमजोरी से निजात पाया जा सकता है। वहीं इसके अलावा नपुंसकता ( Impotence ) और यौन दुर्बलता ( Sexual debility ) में भी इसका बीज अगर नियमित तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो बहुत फायदा देता है।
  • अगर आप रेगुलर पीरियड (Regular period) की समस्या से जूझ रही है तो तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही तुलसी के पत्तों का नियमित रूप से उपयोग करने पर मासिक चक्र (monthly cycle) में हो रही अनियमितता को भी दूर किया जा सकता है।
  • वहीं किसी को सर्दी जुखाम या बुखार है तो वह पानी में तुलसी के पत्ते, मिश्री, काली मिर्च को अच्छी तरह से पका कर उसका काढ़ा बनाकर पीते है तो उसे काफी फायदा होता है, इसके साथ ही इनकी गोली बनाकर भी खाया जा सकता है।
  • अगर तुलसी के पत्ते को जीरे के साथ मिलाकर पीस लिया जाए और उसका सेवन किया जाए तो इससे दस्त की समस्या से निजात पाया जा सकता है। तुलसी के इस मिश्रण को दिन में कम से कम तीन से चार बार चाटते रहना चाहिए, इससे दस्त ठीक हो जाते हैं।
  • वहीं अगर आप सांस की दुर्गंध से जूझ रहे हैं और इसे जल्द से जल्द दूर करना चाहते हैं, तो तुलसी की पत्ती आपके काफी उपयोग में आ सकती है। इसके साथ ही यह नेचुरल है तो इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। अगर मुंह से दुर्गंध आ रही है तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लेना चाहिए, इस से दुर्गंध आना बंद हो जाती है
  • तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर अगर चोट पर लगाया जाए तो इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है। तुलसी एंटीबैक्टीरियल तत्वों से युक्त होती है जिससे घाव ठीक हो जाता है, वहीं अगर तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाया जाए तो चोट लगने पर होने वाली जलन को भी कम किया जा सकता है।
  • यदि आप स्किन कॉन्शियस है तो आपके चेहरे के लिए तुलसी वरदान से कम नहीं है। त्वचा संबंधित रोगों के लिए तुलसी बहुत फायदेमंद है। यह कील मुंहासे (Pimples) को खत्म करने और चेहरा को साफ करने के साथ ही चेहरे की चमक बढ़ाने का काम करती है।
  • कोरोना महामारी के इस दौर में सभी चिकित्सक यही सलाह दे रहे हैं कि लोगों को अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए। इंसान अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी तुलसी का फायदा ले सकता हैं। दरअसल तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोयड्स और फेनोलिक पाए जाते हैं जो शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने के काफी काम में आता है। इसके अतिरिक्त तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कंट्रोल करता है।
  • इसके साथ ही कैंसर के लिए तुलसी  के बीज (Tulsi ke beej) का उपयोग कई शोधों में फायदेमंद बताया गया है, ऐसा कहा जाता है कि अगर महिलाएं नियमित तौर पर तुलसी का सेवन करती है तो वह स्तन कैंसर (Breast Cancer) से बच सकती है, इसके साथ ही रोजाना तुलसी की 8-10 पत्तियां खाने पर स्किन, लीवर और मुंह के कैंसर (Oral cancer) से भी बचा जा सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।

बिना तुलसी श्री हरि नहीं करते है भोग ग्रहण

दरअसल धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो तुलसी (Tulsi) के पौधे की महत्वता अत्यधिक है। तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही इस पौधे से कई आध्यात्मिक बातें भी जुड़ी हुई है। भगवान विष्णु को भी तुलसी अत्यधिक प्रिय है, बिना तुलसी के पत्ते के भगवान विष्णु को भोग तक नहीं लगाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से परे भी तुलसी मनुष्य के जीवन के लिए वरदान मानी गई है, क्योंकि इसके कई औषधीय फायदे भी होते हैं। तुलसी में कई गुण पाए जाते हैं जो बीमारियों से लड़ने में इंसान की काफी सहायता करती है। आयुर्वेद विज्ञान भी तुलसी को मनुष्य के लिए वरदान से कम नहीं मानता हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से दिन में 5 तुलसी के पत्ते का सेवन करता है तो उसे बीमारी छू तक नहीं सकती।

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