लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और एक बार फिर देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता सौंप दी है।
इस बार 27 मुस्लिम सांसद बनकर लोकसभा में जा रहे है जबकि 24 मुस्लिम सांसद लोकसभा में बैठे थे । इस बार उत्तर प्रदेश से 6 मुस्लिम सांसद बने हैं। हालांकि महागठबंधन की यूपी हवा निकल गई परंतु फिर भी उत्तर प्रदेश गठबंधन से 6 मुस्लिम सांसद बने है। जबकि 2014 में उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं था।
उत्तर प्रदेश में सपा के आजम खान रामपुर से, डॉ एसटी हसन मुरादाबाद से, डॉ शफ़ीकुर्रहमान बर्क संभल से, बसपा से कुंवर दानिश अली अमरोहा से, बसपा से ही अफ़ज़ल अंसारी गाजीपुर से और हाजी फजलुर्रहमान सहारनपुर से ये मुस्लिम सांसद बनने में क़ामयाब रहे हैं।
हैदराबाद से असादुद्दीन ओवैसी ने हर बार की तरह इस बार भी काफी वोटों से जीत हासिल की है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इम्तियाज़ जलील ने जीते, मोहम्मद सादिक पंजाब से जीते हैं, असोम से भी दो मुसलमान सांसद संसद भवन जा रहे हैं । मोहम्मद फैजल लक्ष्यद्वीप से जीते हैं, वहीं जम्मू कश्मीर से फारूख अब्दुल्ला समेत 3 मुस्लिम सांसद बने हैं. केरल से दो मुस्लिम सांसद लोकसभा में जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल से 4 नुसरत जहां रुही, खलीलुर्रहमान, साजिद खान और अबू ताहिर ने जीत हासिल की है और असम से अब्दुल खालिक और बदरूद्दीन अजमल भी संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं। बिहार से महमूद अली कैसर जेडीयू के टिकट पर जीते हैं। यह केवल अकेले मुस्लिम सांसद हैं जो NDA में शामिल है।
भारतीय चुनावी इतिहास में 1980 में सबसे ज्यादा 49 मुस्लिम सांसद में संसद पहुंचे थे। इसी प्रकार 2004 में 34, 2009 में 30 और 2014 में 23 मुस्लिम लोकसभा पहुंचे थे। 2019 में यह संख्या बढ़कर अब 27 हो गई है।