एक ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Social media platforms) जिसका उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। वर्तमान समय में हर घर में करीब 4 से अधिक उपयोगकर्ता व्हाट्सएप (Whatsapp) के है, लेकिन इन दिनों व्हाट्सएप (Whatsapp) पर 3 रेड टिक (3 red tick) वाले मैसेज का एक मामला सामने आ रहा है। जिसे लेकर लोगों के मन में डर बैठ गया है कि क्या सच में सरकार लोगों के मैसेज को पढ़ रही है? व्हाट्सएप (Whatsapp) पर फैल रही 3 रेड टिक वाले फेक मैसेज में यह कहा जा रहा है कि आईटी नियम के तहत अब लोगों का व्हाट्सएप मैसेज रिकॉर्ड किया जाएगा, साथ ही सभी के सोशल मीडिया अकाउंट (Social media account) पर नजर रखी जाएगी। फर्जी मैसेज में यह भी बताया जा रहा है कि 3 रेड टिक (3 red tick) का मतलब है कि आप पर कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है।
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व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा फर्जी मैसेज
व्हाट्सएप (Whatsapp) को लेकर 3 रेड टिक वाले फर्जी मैसेज का सर्कुलेशन व्हाट्सएप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook), टि्वटर (Twitter) और अन्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि अब आईटी नियम के तहत व्हाट्सएप (Whatsapp) पर किया गया मैसेज और कॉल का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके अलावा उनके सोशल मीडिया एक्टिविटी (Social media activity) पर भी निगरानी रखी जाएगी। इस तरह के फेक मैसेज लगातार सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड हो रहे है, जिससे लोग डरे हुए है।
जाने क्या दावा किया जा रहा है फर्जी वायरल मैसेज में
मैसेज में कहा जा रहा है कि आमतौर पर मैसेज करने पर हमें दो टिक नजर आती है, अगर वह टिक ब्लू हो जाती है मतलब दूसरी तरफ के व्यक्ति ने उसे पढ़ लिया है। वहीं फेक न्यूज में यह कहा जा रहा है कि यदि उसमें तीन रेड टिक (Three red ticks) दिखाई देता है, मतलब सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं एक रेड टिक और दो ब्लू टिक (Two blue ticks) का मतलब है कि सरकार आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा तीन ब्लू टिक (Three blue ticks) का मतलब है कि सरकार ने एक नोट ले लिया है और आपकी पूरी जानकारी या डेटा को स्क्रीन कर रही है। बता दें कि यह न्यूज पूरी तरह से फर्जी है, कृपया करके इसके झांसे में ना आए।
3 रेड टिक का PIB Fact Check ने फैक्ट चेक किया और यूजर्स को दी चेतावनी
बता दें कि सोशल मीडिया पर 3 रेड टिक वाला एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है, इसे लेकर पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने जांच की तब, उन्होंने यूजर्स को चेतावनी दी है। इसके संबंध में पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब ‘नए संचार नियम’ के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी। पीआईबी (PIB Fact Check) ने कहा कि यह दावा बिल्कुल फर्जी है। भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है। ऐसे किसी भी फर्जी और अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें’।
एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा अब 'नए संचार नियम' के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी रखी जाएगी।#PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है।
भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया गया है।
ऐसे किसी भी फ़र्ज़ी/अस्पष्ट सूचना को फॉरवर्ड ना करें। pic.twitter.com/mW9LT2W1k4— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 27, 2021
Do not fall for such #Whatsapp messages being circulated.
No such thing is being done by the Government.
However, everyone is advised to not share any false news/misinformation concerning #CoronavirusInIndia
For authentic information follow @MoHFW_INDIA and @pib_India pic.twitter.com/XBErXb1CSP
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 24, 2020
आपका व्हाट्सएप मैसेज कोई नहीं पढ़ सकता
व्हाट्सएप के मैसेज (WhatsApp messages) को क्या कोई तीसरा व्यक्ति पढ़ सकता है या नहीं। जी हां व्हाट्सएप के मैसेज सेंडर और रिसीवर (Sender and receiver) के बीच होती है, इसका एक्सेस (Access) केवल उन्ही के पास होता है। इसे में बीच में डिकोड (Decode) कर कोई रिकॉर्ड नहीं कर सकता। ऐसे में आपकी फोटो, वॉइस मैसेज, चैट्स, वीडियो, डाक्यूमेंट्स, कॉल, स्टेटस अपडेट आदि को व्हाट्सएप भी खुद एक्सेस (Access) नहीं कर सकता है। जो भी मैसेज वायरल हो रहा है वह पूरी तरह से फर्जी है।
यह है नया IT नियम
दरअसल व्हाट्सएप और सरकार के बीच जो भी विवाद चल रहा है, वह नए आईटी नियमों (New IT rule) के कारण है। जानकारी के अनुसार, 21 फरवरी 2021 को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत सरकार (Indian government) ने नई गाइडलाइन जारी की है और उसे लागू करने के लिए 25 मई तक का समय भी तय किया था। इसी नए आईटी नियमों (New IT rule) के तहत व्हाट्सएप (WhatsApp) और फेसबुक (Fecebook) जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से जो भी मैसेज शेयर किए जाते है, उनके ओरिजिनल सोर्स (Original source) को ट्रैक करना जरूरी है। जिसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति फेक न्यूज (Fake news) या फिर कोई गलत जानकारी वायरल/शेयर करता है, तो सरकार कंपनी से ओरिजनेटर (Originator) के बारे में डेटा ले सकती है। जिसे लेकर सोशल मीडिया को कंपनियों को बताना अनिवार्य किया गया है कि आखिर उस फेक न्यूज को सबसे पहले किसने शेयर किया था।
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यह पूरा नियम तब लागू होगा, जब किसी तरह का कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी आगे शेयर करता है। जिसके लिए नए नियम में सोशल मीडिया कंपनियों को किसी भी पोस्ट के लिए शिकायत मिलती है, तो वह उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। जिसके लिए कंपनियों को तीन ऑफिसर नियुक्त करनी होगी, जिसमें चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर (Chief Compliance Officer), नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन (Nodal Contact Person) और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर (Resident Graduate Officer) शामिल होंगे। नए आईटी नियम (New IT rule) में यह भी शर्त रखी गई है कि जो भी तीन ऑफिसर्स नियुक्त किए जाएंगे वह तीनों भारत के ही रहने वाले होने चाहिए। इसके साथ ही इनका संपर्क नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट (Social media website) के साथ साथ ऐप पर भी होना अनिवार्य है। जिससे लोग शिकायत कर सके। नए नियम में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को शिकायत मिलने के 15 दिनों के अंदर ही उसे अपडेट करना होगा। वहीं कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखनी होगी, जिसके लिए वह स्टाफ भी नियुक्त कर सकता है।
Agar 4 tick hogye toh aapko alien utha ke le jayenge 😂😂😂😂
WhatsApp is right in some cases but government is also right too… I hope they will find out some way
Agr 4 tick hogye toh aapko alien utha ke le jayenge 😂😂😂😂