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जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम आ रहे सामने, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

दुनिया भारत

पूरा देश जहां कोरोनावायरस (Corona Virus) से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर क्लाइमेट चेंज (Climate Change) से निपटने के लिए भी कुछ ठोस कदम उठाने का मौका आ चुका है। जिसे लेकर संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने चेतावनी भी दी है, उन्होंने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 2021 आखरी मौका है। ऐसे में अगर इस साल क्लाइमेट चेंज पर कार्य नहीं किया गया तो आगे चलकर परेशानी हो सकती है, क्योंकि पूरे विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती होती है, जिसे लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है। अगर समय रहते ही इस पर कार्य नहीं किया गया तो आगे चलकर यह विनाशकारी रूप ले सकता है। जिससे लोगों की रक्षा करने के लिए इसी साल इस पर कार्य करना होगा। जलवायु सम्मेलन होने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्लाइमेट चेंज को लेकर चेतावनी दी है और कहा था कि यह समय बहुत जल्दी जल्दी निकलते जा रहा है। ऐसे में साल 2021 में ही क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए कार्य करना होगा, जिससे लोगों की रक्षा की जा सके।

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जलवायु सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

बता दें कि करीब 5 दशकों से यह चेतावनी दी जा रही है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव बहुत चिंता जनक है। वहीं मानवीय गतिविधियों के कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सामने देखा जा रहा है। जिससे निपटना बहुत जरूरी है। 2019 में कोरोनावायरस का प्रकोप देखा गया। जिसके चलते मानवीय गतिविधियां थम सी गई और प्रदूषण भी काफी हद तक कम हुआ। जिसे लेकर कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) भी लगाया गया, लॉकडाउन के कारण परिणाम यह हुआ कि प्रकृति को इससे काफी फायदा मिला। जहां कई देशों में प्रदूषण (pollution) में कमी के कारण वातावरण स्वच्छ हुआ, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि जलवायु परिवर्तन इससे नहीं रूका है। जिसे लेकर अमेरिका में होने वाले जलवायु सम्मेलन से पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है।

40 देशों के नेता होंगे जलवायु सम्मेलन में शामिल

बाइडेन की तरफ से जलवायु सम्मेलन (Climate Summit) होने जा रहा है। इस सम्मेलन में पूरी दुनिया से करीब 40 देशों के नेता भाग लेंगे। यह सम्मेलन वर्चुअल रूप में किया जाएगा। बता दें कि जलवायु सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु से जुड़ी समस्याओं से निपटना है और साथ ही दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गति लाना है। इसी उद्देश्य के साथ जलवायु सम्मेलन आयोजित की जाती है। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार 2020 अब तक का सबसे गर्म साल रहा। जिससे जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम अब सामने देखा जा सकता है। ऐसे में 2021 में ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्य करना होगा, नहीं तो यह विनाशकारी रूप धारण कर सकता हैं। जनरल एंटोनियो गुतरेस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव है। जिन्होंने वर्ल्ड मीटियोरोजिकल ऑर्गनाइजेशन (World meteorological organization) की स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट 2020  (State of the global climate)रिपोर्ट का अनावरण किया। जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘हम सब कगार पर खड़े हुए है’।

जलवायु परिवर्तन ले रहा खतरनाक रूप

मानवीय गतिविधियों से पर्यावरण को बेहद नुकसान होता है। जिसके बारे में शासन प्रशासन से लेकर आम जनता तक को मालूम होता है। बावजूद इसके कोई भी इस ओर ध्यान नहीं देता। अब यह जलवायु परिवर्तन एक खतरनाक रूप लेती जा रही है, जिसका गुतरेस ने एक तस्वीर साझा किया है और दुनिया भर के देशों से अपील करते हुए कहा है कि ‘प्रकृति पर युद्ध’ खत्म करें, क्योंकि यह साल मानवता के भविष्य के लिए बेहद नाजुक है। इस रिपोर्ट से हम समझ सकते हैं कि अब हमारे पास वक्त को गवांने का टाइम नहीं है, जल्द से जल्द जलवायु परिवर्तन से निपटने की ओर काम करना होगा।

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अब तक सबसे गर्म साल 2020 रहा

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट में 2020 सबसे गर्म साल रहा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोरोनावायरस के कारण आर्थिक गतिविधियां कम हुई थी, लेकिन ग्रीन हाउस गैसों (Green House Gases) की मात्रा बढ़ती ही गई। जलवायु परिवर्तन अब खतरनाक रूप धारण करने जा रहा है, जिससे मानव जीवन प्रभावित हो रहा है। इसी का परिणाम है कि कई लोगों की आजीविका खतरे में पड़ गई और लाखों लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर दिखाई दिए। इस स्थिति को देखते हुए गुतरेस ने कहा है कि अब हमें बहुत कड़े कदम उठाने होंगे, जिससे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से लोगों की रक्षा की जा सके। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने जोर देते हुए कह है कि यह साल कार्यवाई करने का है। सभी देशों को इस ओर ध्यान देना होगा और जलवायु परिवर्तन से निपटने की तरफ कार्य करना होगा।

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