आज के दौर में ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। मोबाइल पर ऐसे कई मैसेज आते हैं जो आपके ए टी एम (ATM), बैंक अकाउंट के बारे में आपसे जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। ऑनलाइन ठग गिरोह तरह-तरह के हथकंडे अपना कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। क्योंकि डिजिटलाइजेशन (Digitalization) के इस दौर में जहां सारे काम आसान हो गए है और हम घर बैठे अपने बहुत से काम कर लेते हैं, जिसे करने में पहले कई दिन लग जाते थे तो वहीं इसके कई नुकसान भी है। डिजिटलाइजेशन (Digitalization) के कारण जितने भी हैकर (Hacker) हैं वे हमारी व्यक्तिगत जानकारी को चुरा लेते हैं। हैकर्स (Hackers) के पास ऐसे बहुत से रास्ते हैं, जिससे वह हमारी जानकारी चुराकर उनका दुरूपयोग करते हैं। इस दुरूपयोग में हैकर्स (Hackers) ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) को ज्यादा अंजाम दे रहे हैं। हजारों-लाखों रुपए आपके खाते से चंद मिनटों में चट कर जाते हैं। लेकिन अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है तो इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। होम मिनिस्ट्री (Home Ministry) और दिल्ली (Delhi) पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell) ने एक नंबर जारी किया है, जिस पर कॉल करके आप कुछ ही मिनटों में अपना पैसा वापस अकाउंट में पा सकते हैं। 155260 इस नंबर को रट लें या आपने मोबाइल में सेव कर लें। चाहे तो जानकार और रिश्तेदारों को भी शेयर कर दें। यह नंबर आपकी गाढ़ी कमाई के लिए ‘साइबर सुरक्षा कवच’ साबित हो सकता है। इस बारे में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डीसीपी अन्येष रॉय ने को बताया कि अगर ऑनलाइन ठगी हो जाए, तो तुरंत 155260 हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते है। 7 से 8 मिनट में वह रकम जिस आईडी से दूसरे खाते में ट्रांस्फर हुई होगी। हेल्पलाइन से बैंक या ई-साइट्स को अलर्ट मैसेज पहुंचेगा। फिर रकम होल्ड हो जाएगी।
क्या है 155260 नंबर
रॉय ने बताया कि साइबर ठगी (Cyber Crime) की घटनाओं में जिस तरह से तेजी आई है। सेफ्टी टिप्स के बावजूद आम लोग ओटीपी, लिंक और अन्य तरीकों से ठगी के शिकार हो जाते हैं। इस तरह के घटनाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल www.cybercrime.gov.in और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक साथ मिलकर 155260 पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल नवंबर में ही शुरू किया था। जिसे अब पूरी तरह लॉन्च कर दिया गया है। इंडियन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल को-ऑर्डिनेशन का ऐसा प्लेटफॉर्म है। जिसकी पहली यूजर दिल्ली बनी है। राजस्थान को भी इससे जोड़ा गया है। इसके बाद सभी स्टेट यूजर्स बनाए जाएंगे।
21 लोगों की बचाई रकम
दिल्ली पुलिस साइबर सेल (Cyber Cell) के डीसीपी अन्येष ने बताया की, साइबर सेल के साथ करीब 55 बैंक, ई-वॉलेट्स, ई-कॉमर्स साइट्स, पेमेंट गेटवेज और अन्य संस्थानों जुड़ी है। जिसका नाम है सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम। इस प्लेटफॉर्म के जरिए बेहद कम समय में ऑन लाइन फाइनेसियल फ्रॉड्स के शिकार लोगों को बचाया जा सकता है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक करीब 21 लोगों के 3 लाख 13 हजार रुपए बचा पाने में कामयाबी हासिल की है।
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यह नंबर 155260 कैसे करता है काम
रॉय ने बताया की इस हेल्पलाइन नंबर की दस लाइनें है, ताकि किसी को यह नंबर विजी ना मिले। सेट फॉरमेट के मुताबिक, शिकायतकर्ता का नाम, नंबर और घटना की टाइमिंग पूछी जाएगी। जिससे खाते या इ-वॉलेट से रकम निकली, वह इ-वॉलेट नंबर और बैंक खाता संख्या की जानकारी, जालसाज के संभावित मोबाइल नंबर या जालसाज से संबंधित अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी मांगी जाएगी। बेसिक डिटेल्स लेने के बाद इसे आगे संबंधित पोर्टल और उस बैंक, इ-कॉमर्स के डेश वोर्ड पर भेज दिया जाएगा। साथ ही पीड़ित का जो बैंक है, उसको जानकारी शेयर की जाएगी। फ्रॉड के 2 से 3 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते है। इससे पीड़ित को बैंक और थाने के झंझट से राहत मिलेगी। रॉय ने बताया कि इसके लिए उन्हें आरबीआई (RBI) से भी सपोर्ट मिल रहा है तो अब आप भी ऑनलाइन ठगी या धोखाधड़ी के शिकार होते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस नंबर पर डॉयल कर अपनी गाढ़ी कमाई वापस पा सकते है।
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