Lakshadweep News

Lakshadweep News: लक्षद्वीप में क्यों उठी पटेल को हटाने की मांग?

भारत राजनीति

लक्षद्वीप (Lakshadweep) सोशल मीडिया पर यह कुछ दिनों से बहुत ट्रेंड कर रहा है। इतना ही नही वहाँ के प्रशासक भी इन दिनों काफी चर्चा में है, उन्होने कुछ फैसले ऐसे लिए है जिसके वजह से वहाँ के स्थानीय लोगो भारी गुस्सा में आ गये है। लोगो का ऐसा मानना है कि इन फैसलो के वजह से लक्षद्वीप की संस्कृति और धार्मिक पहचान को नुकसान पहुँच सकता है। आखिर यह फैसला क्या है इसके बारे में पूरा जानेगे लेकिन उससे पहले लक्षद्वीप के प्रशासक के बारे में जानते है।

ये भी पढें-   क्यों मचा लक्षद्वीप को लेकर बवाल? किस वजह से की जा रही केंद्र शासित प्रदेश को बचाने की मांग? जाने पूरा मामला

कौन है लक्षद्वीप के प्रशासक?

लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल्ल खोङाभाई पटेल है। इससे पहले वह गुजरात के गृह मंत्री रह चुके है, इन्होने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया हुआ है। पटेल यह कोई पहली बार नही बल्कि इससे भी पहले कई बार विवादो में रह चुके है। लक्षद्वीप में लिए गये उनके फैसलो से हो रहे तनावों से पहले भी यह एक बार सुर्खयों में रह चुके है। यह जानकर हैरानी होगी कि इनका नाम दमन के सांसद मोहन देलकर की मौत से भी जुङा हुआ था। दरअसल दमन के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर मुम्बई के एक होटल में आत्महत्या कर ली थी और मरने से पहले उन्होने 15 पेज के नोट गुजराती में लिखे थे जिसमें कुछ पुलिस अफसरों के साथ साथ बीजेपी के नेताओं के भी नाम शामिल थे और इन नामों में पटेल का भी नाम शामिल था। मौत के बाद देलकर के बेटे ने दादरा और नगर हवेली एवं दमन और द्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के साथ आठ अन्य लोगो के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। जिसमे पटेल के ऊपर 25 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया गया था यही नही यह भी बताया गया था कि पैसे नही देने पर असामाजिक गतिविधियों के तहत शिकायत दर्ज कराने की भी धमकी देने की बात कही गई थी।

लक्षद्वीप के विवाद की वजह क्या है ?

लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने बीफ बैन, पंचायत चुनाव जैसे और भी अनेक नियमों में बदलाव किए है और इन सब का एक ड्राफ्ट भी बनाकर तैयार किया है और केंद्र गृह मंत्री के मंजूरी के बाद ये सारे नियम लागू हो जायेगे। लेकिन लक्षद्वीप के स्थानीय लोगो का कहना है कि पटेल द्वारा बनाये गये नियम उनके संस्कृति और धार्मिक पहचान को चोट पहुँचाएगा। यहीं नहीं यह भी कहा जा रहा है कि विवाद कि एक वजह जमीन का मुद्दा है। दरअसल पटेल यहां की जमीनों को लक्षद्वीप के विकास के नाम पर कॉरपोरेट कंपनियों को सौंपना चाहता है। यहां तक की लक्षद्वीप में गुंडा एक्ट का इस्तेमाल भी किया जा रहा है जिसके तहत किसी पर भी केस किया जा सकता है और धरना प्रदर्शन करने पर जेल भी जाना पर सकता है।

लक्षद्वीप में विवाद के मुख्य कारण | Main causes of dispute in Lakshadweep

लक्षद्वीप (Lakshadweep) में हो रहे विवाद का कारण केवल एक नही है बल्कि एक से अधिक है जैसे किः

बीफ पर बैन

बीफ बैन के मामले में जोरो से प्रदर्शन किए गया है और ऐसा भी कहा गया कि आरएसएस के बीफ बैन के एजेंडा को पटेल यहां लागू कर रहे है। दरअसल गौमांस लक्षद्वीप (Lakshadweep) के नियमित आहार का एक हिस्सा है और वहाँ की अधिकतर आबादी मुस्लिम है। बीफ बैन के नियम के हिसाब से वहां के स्कूलो मे मिड-डे-मील से मांसाहरी भोजन को हटाया गया है।

बिना वॉरंट किसी को हिरासत में ले लेना

एन्टी सोशल ऐक्टिविटी रेग्युलेशन ड्राफ्ट के अनुसार किसी भी संदिग्ध को बिना वॉरंट के हिरासत में लिया जा सकता है। वैसे तो लक्षद्वीप में अपराध का रेट देश के अन्य राज्यो के हिसाब से बहुत कम है लेकिन पटेल का यह मानना है कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) में नशीली दवाओं के वजह से होने वाले अपराध में वृध्दि हुई है जिस वजह से यह नियम लागू करना आवश्यक है।

शराब बिक्री के लिए इजाजत दिया गया

पर्यटनों को बढावा देना के लिए लक्षद्वीप (Lakshadweep) में शराब की दुकाने खोलने का भी प्रस्ताव दिया गया है। अभी फिलहाल शराब की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है। पर्यटको को बढावा देने के लिए फाइव स्टार होटल और कुछ जगहों पर शराब की दूकाने खोलने की इजाजत देने तक तो ठीक था लेकिन पूरे लक्षद्वीप में शराब की इजाजत दे दी गई है जिससे कि लोगो के धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुँच रही है।

ये भी पढें-   सरकार लोगों के व्हाट्सएप मैसेज पढ़ रही है? क्या है पूरी सच जाने

केरल के राज्य सभा के सांसद एलारां करीम ने पटेल पर यह आरोप लगाया है कि वह लक्षद्वीप का केरल से लिंक तोङना चाहते है। वास्तव में लक्षद्वीप कोच्चि से करीबन 150 से 200 समुद्री मील पर स्थित है। लक्षद्वीप (Lakshadweep) के 10 द्वीपों पर आबादी रहती है जहां की आबादी 64 हजार होगी और ये लोग शिक्षा से लेकर चिकित्सा हर क्षेत्र में केरल के ऊपर निर्भर है। असल में बात यह है कि यहां के प्रशासक यानि की पटेल द्वारा बनाये गये सारे नियम का लक्षद्वीप के निवासी विरोध कर रहे है और वे पटेल को प्रशासक की पद से हटाने की अपील कर रहे है। विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर पटेल को प्रशासक पद से हटाने की मांग कर रहे है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *