चीन शायद अपनी घटती जनसंख्या से डर गया है तभी तो अपने नागरिको के ऊपर बच्चो के जन्म को लेकर लगे पाबंदियों पर ढील दे दी है। जी हाँ चीन ने कुछ साल पहले अपने देश की जनसंख्या में सुधार लाने के लिए एक नीति (China child policy) लागू की थी। जिसमें कपल्स (couples) केवल एक ही बच्चा पैदा कर सकते है। जिसके वजह से चीन में बुजुर्गो की संख्या बढने लगी और वर्क फोर्स (work Force) घटने के डर से चीन ने इस नीति को खत्म कर नई नीति निकाली जिसमें कपल्स केवल दो बच्चे ही पैदा कर सकते है। लेकिन लगता है चीन अपने इस नीति से भी ज्यादा खुश नही हो पाया है तभी तो इसे वापस से बदल कर इस बार तीन बच्चो की नाति निकाली है।
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क्या है चीन की चाइल्ड पॉलिसी? || What is china child policy?
चीन हमेशा से ही सबसे ज्यादा आबादी वाला देश रहा है और इसके बाद दूसरे नम्बर पर भारत आता है। दरअसल 1970 के तरफ चीन की आबादी इतनी बढ गई थी कि इसे काबू में लाने के लिए चीन की सरकार ने वन चाइल्ड पॉलिसी (One Child policy) लेकर आई। इस पॉलिसी के तहत माता-पिता केवल एक ही बच्चा कर सकते है। जब यह नीति पूरे देश में लागू हो गयी तो इसका उल्टा ही असर देखने को मिला था, चीन में अचानक से ही बच्चो के पैदा होने की दर कम हो गई। इस नीति को एक लम्बे समय के बाद चीन की सरकार ने बदलने का निर्णय लिया और इस नीति में एक बदलाव किया जिसमेंं कि अब कपल्स को एक नही दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी गई। लेकिन इससे भी कुछ ज्यादा फायदा होता हुआ नही दिख रहा था।
दरअसल चीन में हाल ही में जनसंख्या का आंकङा जारी किया गया, इस आंकङे के हिसाब से पिछले दशक में यहां बच्चे के पैदा होने की दर का औसत सबसे कम दिखाया गया और ऐसा होने की एक ही वजह वतायी जा रही है वह है यह टू चाइल्ड पॉलिसी। हालांकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन में अगले साल तक जनसंख्या में कमी देखने को मिलेगी। वैसे तो वन चाइल्ड और फिर टू चाइल्ड पॉलिसी के बाद भी चीन की जनसंख्या में कमी देखने को मिली है लेकिन फिर भी यह अभी तक दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना हुआ है। साल 2019 में अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके मुताबिक ऐसा बताया गया है कि जहां एक तरफ चीन की जनसंख्या में कमी देखने को मिलेगी तो वही दूसरी तरफ 2027 तक भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जायेगा। चीन की इस चाइल्ड पॉलिसी के कारण 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो की आबादी वर्तमान में बढकर करीबन 26.4 करोङ हो गई है जो पिछले साल के हिसाब से 18.7 प्रतिशत ज्यादा है। चीन की आबादी मे कमी का असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिल सकता है।
चीन अपनी घटती जनसंख्या को लेकर चिन्तित हो चुका है जिस वजह से वापस से अपनी टू चाइल्ड पॉलिसी को हटा कर अब नई पॉलिसी निकाली है। जिसमें कपल्स अब तीन बच्चे पैदा कर सकते है।
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क्या चीन की ये चाइल्ड पॉलिसी भारत को भी अपनानी चाहिए? || Should India also adopt China child policy?
चीन के द्वारा लागू किया गया चाइल्ड पॉलिसी (China child policy) का विचार गलत तो नही है लेकिन इसको अपनाने के बाद आवादी की केवल एक पीढी की ही दर कम होती जाएगी जैसे की चीन में देखने को मिला है। यदि वन चाइल्ड या टू चाइल्ड पॉलिसी अपनाया जाए तो इससे बच्चो की आबादी तो कम होती हुई नजर आयेगी लेकिन वही दूसरी तरफ बूढो की आबादी में तेजी आयेगी। हाल ही में आए चीन के जनसंख्या के आंकङो के अनुसार ऐसा बताया गया कि चीन में जनसंख्या का एक पीढी तेजी से बूढा हो रहा जो कि भविष्य के लिए चिन्ता का भी कारण बन सकता है। हालांकि चीन ने चाइल्ड पॉलिसी उस समय जनसंख्या को काबू में करने के लिए निकाला था जिससे की आने वाले दिनों में कोई परेशानी न हो लेकिन जनसंख्या को काबू करना कोई आसान बात तो नहीं है। यदि सभी देश इन वन या टू चाइल्ड पॉलिसी पर चलने लगे तो एक समय ऐसा आयेगा जब देश में बुजुर्गों की संख्या बहुत अधिक हो जाएगी और बच्चो की बहुत ही कम रह जाएगी। खैर चीन ने भी अपनी धीमी रफ्तार से बढने वाली जनसंख्या को बढाने के लिए एक बार फिर से अपने नीतियों में परिवर्तन कर दिया है। चीन की सरकार ने अब टू चाइल्ड पॉलिसी को खत्म कर थ्री चाइल्ड पॉलिसी को लाने का फैसला ले लिया है।