लक्ष्मी जी धन की देवी है। लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनुष्य को धन की प्राप्ति होती है अगर किसी कारण वश लक्ष्मी जी नाराज हो जाएं तो जाएं तो मनुष्य को विकट घोर दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है लक्ष्मी सूक्त (Shree Laxmi Suktam Arth Sahit in Hindi)। माता लक्ष्मी के प्रसन्न होते ही धन से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है और साथ ही साथ मनुष्य को यश, कीर्ति, सम्मान, वैभव इन सब की प्राप्ति होती है माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी सूक्त का पाठ एक सरल और सटीक उपाय है। यहाँ लक्ष्मी सूक्त को भावार्थ सहित प्रस्तुत किया जा रहा है।
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Table of Contents
श्री लक्ष्मीसूक्तम् पाठ || Shree Laxmi Suktam Arth Sahit in Hindi|| Laxmi Suktam Path in Hindi
पद्मानने पद्मऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे।
तन्मे भजसिं पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्॥
अर्थ- हे लक्ष्मी देवी! आपका श्रीमुख, ऊरु भाग, नेत्र आदि कमल के समान हैं। आपकी उत्पत्ति कमल से हुई है। हे कमलनयनी! मैं आपका स्मरण करता हूँ, आप मुझ पर कृपा करें।
अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने।
धनं मे जुष तां देवि सर्वांकामांश्च देहि मे॥
अर्थ- हे देवी! अश्व, गौ, धन आदि देने में आप समर्थ हैं। आप मुझे धन प्रदान करें। हे माता! मेरी सभी कामनाओं को आप पूर्ण करें।
पुत्र पौत्र धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम्।
प्रजानां भवसी माता आयुष्मंतं करोतु मे॥
अर्थ- हे देवी! आप सृष्टि के समस्त जीवों की माता हैं। आप मुझे पुत्र-पौत्र, धन-धान्य, हाथी-घोड़े, गौ, बैल, रथ आदि प्रदान करें। आप मुझे दीर्घ-आयुष्य बनाएँ।
धनमाग्नि धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसु।
धन मिंद्रो बृहस्पतिर्वरुणां धनमस्तु मे॥
अर्थ- हे लक्ष्मी! आप मुझे अग्नि, धन, वायु, सूर्य, जल, बृहस्पति, वरुण आदि की कृपा द्वारा धन की प्राप्ति कराएँ।
वैनतेय सोमं पिव सोमं पिवतु वृत्रहा।
सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः॥
अर्थ- हे वैनतेय पुत्र गरुड़! वृत्रासुर के वधकर्ता, इंद्र, आदि समस्त देव जो अमृत पीने वाले हैं, मुझे अमृतयुक्त धन प्रदान करें।
न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभामतिः।
भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां सूक्त जापिनाम्॥
अर्थ- इस सूक्त का पाठ करने वाले की क्रोध, मत्सर, लोभ व अन्य अशुभ कर्मों में वृत्ति नहीं रहती, वे सत्कर्म की ओर प्रेरित होते हैं।
सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुक गंधमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरी प्रसीद मह्यम्॥
अर्थ- हे त्रिभुवनेश्वरी! हे कमलनिवासिनी! आप हाथ में कमल धारण किए रहती हैं। श्वेत, स्वच्छ वस्त्र, चंदन व माला से युक्त हे विष्णुप्रिया देवी! आप सबके मन की जानने वाली हैं। आप मुझ दीन पर कृपा करें।
विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम्।
लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम॥
अर्थ- भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी, माधवप्रिया, भगवान अच्युत की प्रेयसी, क्षमा की मूर्ति, लक्ष्मी देवी मैं आपको बारंबार नमन करता हूँ।
महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥
अर्थ- हम महादेवी लक्ष्मी का स्मरण करते हैं। विष्णुपत्नी लक्ष्मी हम पर कृपा करें, वे देवी हमें सत्कार्यों की ओर प्रवृत्त करें।
चंद्रप्रभां लक्ष्मीमेशानीं सूर्याभांलक्ष्मीमेश्वरीम्।
चंद्र सूर्याग्निसंकाशां श्रिय देवीमुपास्महे॥
अर्थ- जो चंद्रमा की आभा के समान शीतल और सूर्य के समान परम तेजोमय हैं उन परमेश्वरी लक्ष्मीजी की हम आराधना करते हैं।
श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाभिधाच्छ्रोभमानं महीयते।
धान्य धनं पशु बहु पुत्रलाभम् सत्संवत्सरं दीर्घमायुः॥
अर्थ- इस लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति श्री, तेज, आयु, स्वास्थ्य से युक्त होकर शोभायमान रहता है। वह धन-धान्य व पशु धन सम्पन्न, पुत्रवान होकर दीर्घायु होता है।
॥ इति श्री लक्ष्मी सूक्तम् संपूर्णम् ॥ Shree Laxmi Suktam Arth Sahit in Hindi End ॥
लक्ष्मी सूक्त का पाठ कैसे करें? जानिए…
लक्ष्मी का वर्णन पूराणों में मिलता है लक्ष्मी सूक्त का पाठ हमेशा श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से लक्ष्मी जी बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं और पूजा करने वाले को धन संपदा और ऐश्वर्य प्रदान करती है। धन की इच्छा रखने वालो को लक्ष्मी सूक्त का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। अगर प्रतिदिन लक्ष्मी सूक्त न कर पाये तो हर शुक्रवार को लक्ष्मी सूक्त का पाठ अवश्य करें।
1. सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहने।
2. जहां पूजा करनी हो वह स्थान साफ कर ले और वहां लाल रेशमी कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
3. माता लक्ष्मी को लाल फूल और अन्य सामग्री जैसे- गुलाल, चावल, चंदन आदि चढ़ाएं और खीर का भोग अवश्य लगाएं क्योंकि माता को खीर अति प्रिय है।
4. इसके बाद लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें और माता लक्ष्मी की आरती उतारे। माता लक्ष्मी की आरती आपको इस पोस्ट के नीचे मिल जाएगी।
5. अगर संस्कृत में लक्ष्मी सूक्त का पाठ न कर पाएं तो हिंदी में लक्ष्मी सूक्त का पाठ (Shree Laxmi Suktam Arth Sahit in Hindi) करें। साथ ही साथ माता लक्ष्मी का ध्यान करें। दिवाली, नवरात्र को लक्ष्मी सूक्त का पाठ विधि विधान से पूर्ण करने का विशेष महत्व है।
6. अगर आप शुक्रवार को इस विधि से देवी का पूजन ना कर पाए तो प्रत्येक महीने की अमावस्या और पूर्णिमा को यह सूक्त पढ़ने से धन संबंधित सभी इच्छाये पूरी होगी।Hindi
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Jai Sree laxmi suket Mata ke Jai
Jai Maa Laxmi 🙏🙏
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Jay shree mhalaxmi nmo nmh🙏🙏🙏🙏👣
Very nice Suktam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai mahalakshmi
Jai mata di..
जय माँ लक्ष्मी !
Jai maa Lakshmi
Lakshmi narshinh bhagwan ki jai
❤️🙏JAI SHREE VISHNU PRIYAYE MAHALAXMI MATA JI🙏❤️
Om Maha Laxmi namo nama 🎊🎊
Jai maa Laxmi
Jay shree Mata Laxmi Narayan ji🙏🏼🙏🏼🚩🐾📿🐚aapki kripa hemesa
Bani rhe
Jai Laxmi maa🥞🎂🎂🎂🎂🎂
जय श्री महालक्ष्मी नमो नमः
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Jai maa laxmi narayan 🙏
Jai maa Laxmi 🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद 🙏🙏🌷जय लक्ष्मी🌷🌷जय लक्ष्मी नारायण🌷
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Iska pdf bhi share kijiye please
बहोत अच्छा,जय माता लक्ष्मी🙏🙏🙏🙏🙏
आपका बहोत धन्यवाद🙏
Pranam pandit ji 🙏….sukt hone ke baad ek hi Baar bolana he kya…🙏
Jai luxmi narayan jiki🌹🌹🌹🍎🍎🍎🚗🚌🏙️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ye path satyug mai phalta hai kaliyug mai nahi kyo ki ashuddhu bahut hai
JAI LAXMI MATA DI 🤲🙏✝️❤️❤️ GOD bless them Nd all ✝️🙏❤️❤️