भारत का मालदीव्स (Maldives) कहा जाने वाला और देश का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) लक्षद्वीप (Lakshadweep) आजकल चर्चाओं में बना हुआ है। लक्षद्वीप (Lakshadweep) में चल रहे मुद्दे को लेकर देश की राजनीति में भी उबाल देखने को मिल रहा है। देशभर में अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के चलते लक्षद्वीप (Lakshadweep) लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है, इसकी खूबसूरत और मनमोह लेने वाली और सूरज को चुमते हुए समुद्री तट (The seashore) लोगों को अपनी ओर खींच लेते हैं, लेकिन इस बार लक्ष्यदीप (Lakshadweep) के चर्चाओं में रहने का कारण इसका खूबसूरत पर्यटन नहीं बल्कि कुछ और विषय है, जिसको लेकर ट्विटर (Twitter) पर कैंपेन चलाया जा रहा है। ट्वीटर पर हैशटैग (Hashtag) के साथ सेव लक्ष्यदीप (#SaveLakshadweep), लक्ष्यदीपम (#Laskhadweepam) , लक्ष्यदीप को बचाओ नाम दिया गया है, जिसमें बढ़-चढ़कर आम जनता, फिल्म जगत के सेलिब्रिटी और राजनीतिक पार्टी के नेता हिस्सा ले रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ लक्ष्यदीप (Lakshadweep) में जो लोग उसे बचाने की मांग कर रहे हैं, आइए जानते हैं। दरअसल लक्ष्यदीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल (Lakshyadeep’s administrator Praful Patel) द्वारा एक मसौदा (contract) पेश किया गया है जिसको लेकर सिर्फ लक्ष्यदीप में विरोध देखने मिल रहा है बल्कि देशभर में राजनीति गलियारों ने इस मसौदे के चलते हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि यह मसौदा लक्षद्वीप के विकास के एजेंडे को लेकर है, लेकिन लोग इसे जायज नहीं ठहरा रहे हैं। इस मामले ने भारतीय जनता पार्टी (Bhartiye Janta Party) में भी फूट डालने का काम किया है।
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इन नए नियमों को लेकर हो रहा लक्षद्वीप में विवाद, कलेक्टर ने इनका किया समर्थन
जिस कानून को लक्षद्वीप के प्रशासक द्वारा मंजूरी दी गई हैं उसमें गाय और बैल की हत्या पर प्रतिबंध (Ban on killing of Cow and bulls) लगाया गया है, इसके साथ ही एक फैसला लिया गया है जिसमें एक नीति बनाई गई है जिसके तहत शराब की बिक्री बढ़ाई जाएगी (Liquor sales will be increased), जिसके बाद स्थानीय निवासी प्रशासन का लगातार विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही लक्ष्यदीप के पंचायत चुनावों (Lakshadweep Panchayat Elections) में उन लोगों के हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं। साथ ही स्कूलों में मिड डे मील (MidDay meal) में नॉन वेज परोसने पर भी बैन लगाने की बात इस मसौदे में की जा रही है। वही लक्ष्यदीप के कलेक्टर असकर अली (Lakshadweep Collector Askar Ali) का इन नियमों को समर्थन मिला है। पंचायत चुनाव की हिस्सेदारी को लेकर कलेक्टर कहते हैं कि ऐसा करने से परिवार नियोजन (family planning) के साथ ही महिलाओं का सशिक्तिकरण (Empowerment of women) होगा। वहीं गाय और बैल को मारने वाले सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि जानवरों को बचाने के लिए पशुहत्या (Animal killing) और बीफ से बने प्रोडक्ट का ट्रांसपोर्टेशन, इसके साथ ही उसे खरीदना और बेचना पर बैन किया गया है। स्कूलों में मिल रहे मिड डे मील मैं नॉनवेज आइटम नहीं निकाले जा रहे हैं, लक्षदीप में आसानी से मछली से बने हुए आइटम मिल जाते हैं और यह लोकडाउन के वक्त भी आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
लक्षद्वीप के सांसद ने लगाए प्रशासक प्रफुल पटेल पर गंभीर आरोप
लक्षद्वीप में प्रशासक प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel, Administrator in Lakshadweep) के खिलाफ स्थानीय लोगों के साथ ही लक्ष्यदीप के सांसद मोहम्मद फैजल खान (Lakshdeep MP Mohammad Faizal Khan) ने भी मोर्चा खोल दिया है। मोहम्मद फैजल खान (Mohammad Faizal Khan) का कहना है कि दिनेश्वर शर्मा (Dineshwar Sharma) के निधन के बाद गुजरात के पूर्व विधायक प्रफुल्ल पटेल को लक्षद्वीप (Former Gujarat MLA Praful Patel gets Lakshadweep) का नया प्रशासक नियुक्त किया गया तब से ही यहां के लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। प्रशासक अपने मनमाने तरीके से यहां के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic right) का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं लक्षदीप में लाए गए अधिनियम को लेकर सांसद मोहम्मद फैसल कहते हैं कि प्रशासक बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और इसी तरह है मेरा संवैधानिक अधिकार का हनन कर रहे हैं। इसके साथ ही सांसद मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया है कि लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (Lakshadweep Development Authority Regulation 2021) के मसौदे के तहत लोगों की भूमि हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। इस नियम के तहत विकास के नाम पर आम आदमी के स्वामित्व वाली भूमि के किसी भी टुकड़े को लेने का अधिकार सरकार को मिल जाएगा।
सांसद का आरोप प्रशासक के कुप्रबंधन के कारण लक्षद्वीप बना देश का कोरोना से प्रभावित सर्वाधिक इलाकों में से एक
इसके साथ ही सांसद ने आरोप लगाया कि जनता और निर्वाचित अधिकारियों से बिना सलाह मशवरे के प्रशासन द्वारा यह कानून बना दिए गए हैं जो कि लोकतंत्र के सख्त खिलाफ है। इसके साथ ही कांग्रेस सांसदों और केरल (Kerala) के कई एलडीएफ सांसदों के साथ मिलकर फैजल ने केंद्र को एक पत्र लिखा है, जिसमें प्रफुल पटेल को पद से हटाने के साथ ही इन प्रस्तावों पर समीक्षा करने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही कुप्रबंधन का आरोप भी प्रशासक प्रफुल्ल पटेल पर लगाया गया है। लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल कहते हैं कि बीते साल लक्षद्वीप में एक भी कोरोना का केस नहीं था लेकिन प्रशासक द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल में ढ़ील दे दी गई और क्वारेंटाइन के नियमों को कर दिया गया, जिसके चलते लक्षद्वीप आने वाले लोगों के कारण इस इलाके में कोरोना संक्रमण (corona infection) तेजी से फैल गया और यही कारण है कि अब लक्षद्वीप देश के सर्वाधिक को भी प्रभावित इलाकों में से एक हो गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र, रखी ये मांग
बता दें कि लक्षद्वीप की विवाद पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress President Rahul Gandhi) ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि नए नियम के नाम पर द्वीप की पवित्रता को कम करने का काम किया जा रहा है, साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से इस मसले में हस्तक्षेप करने की अनुरोध किया है। राहुल गांधी का मानना है कि प्रशासक द्वारा घोषित की गई नीतियों से लोगों के भविष्य पर संकट आ जाएगा, उनका कहना है कि प्रशासक ने बिना जनता की मंजूरी और प्रतिनिधियों से बातचीत किए ही इस परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से इस बात को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि प्रशासक प्रफुल्ल पटेल अपने आदेशों को वापस ले लें। वही शराब की बिक्री पर लगी रोक को हटाने और बीस बैन को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि यह स्थानीय समुदाय के संस्कृति और धार्मिक ताने-बाने को बिगड़ता हैं। इसके साथ ही चुनावों में 2 से ज्यादा बच्चे होने वाले उम्मीदवार के चुनाव में हिस्सा ना लेने देने वाले इस वाले नियम पर भी राहुल गांधी ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि 2 से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को चुनाव में हिस्सा नहीं देने वाला प्रावधान भी पूरी तरह से लोकतांत्रिक (Democratic) नहीं है।
Congress leader Rahul Gandhi writes to the PM over Lakshadweep Administrator issue
His letter reads, "Administrator's attempt to undermine ecological sanctity of the island is evident in the draft Lakshadweep Development Authority Regulation…I request you to intervene in this" pic.twitter.com/PQTX6oJ2go
— ANI (@ANI) May 27, 2021
Lakshadweep is India’s jewel in the ocean.
The ignorant bigots in power are destroying it.
I stand with the people of Lakshadweep.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 26, 2021
लक्षद्वीप मुद्दे के चलते आई बीजेपी में फूट, 8 सदस्यों ने दिया इस्तीफा
लक्षद्वीप (Lakshadweep) वाले मुद्दे पर ना सिर्फ देश की अलग-अलग पार्टी के अलग स्वर गूंज रहे हैं बल्कि इस मुद्दे के चलते बीजेपी में भी फूट आ गई है। देश के राष्ट्रपति और गृह मंत्री से शिकायत करने के बाद भाजपा पार्टी के युवा मोर्चा के 8 सदस्यों ने बीते 2 दिनों में इस्तीफा दे दिया है उनका आरोप है कि प्रशासन तानाशाही कर रहा है जिसके चलते उन्होंने अपने पदाधिकारी से इस्तीफा दे दिया। युवा मोर्चा के पूर्व सचिव पीपी मोहम्मद हाशमी कहते हैं कि हमने बीजेपी (BJP) इसलिए जॉइन किया था कि हमें लगा था दीप समूह में विकास होगा लेकिन प्रशासन यहां किसी की भी नहीं सुन रहा है और जबरदस्ती अपने फैसले थोप रहा है इन नियमों के चलते यहां के वासियों की जिंदगी में समस्याएं उत्पन्न होंगी जिसके विरोध में हमने इस फैसले को लेना ही सही समझा। इसके साथ ही लक्ष्यदीप के बीजेपी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एमसी मुथुकोया, पूर्व अध्यक्ष एम मोहम्मद, पूर्व कोषाध्यक्ष बी शुकूर के साथ ही अनवर हुसैन, रमीस एन, अफसल एन, पीपी जम्हार ने साथ में मिलकर सामूहिक इस्तीफा दिया है। अपने इस्तीफे का कारण प्रशासन के मनमाने और एक तरफ रवैया को जिम्मेदार ठहराया है।
लक्षद्वीप में है 97 प्रतिशत मुस्लिम आवादी, विरोध करने वाले 3 लोगों को किया गया गिरफ्तार
बता दें कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) केरल (Kerala) से मात्र 385 किलोमीटर दूर है और इस केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) में रहने वाले 97 प्रतिशत लोग मुस्लिम (Muslims) है जो मांसाहार का सेवन करते हैं और काफी लंबे समय से लक्षद्वीप गैर मादक इलाके के रूप में प्रख्यात है। लक्षद्वीप के प्रशासक और नरेंद्र मोदी के करीबी प्रफुल पटेल (Praful Patel) पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह बीजेपी (BJP) द्वारा चलाए जा रहे बीफ बैन (Beef Ban) वाले एजेंडे को लक्षदीप में लागू करने के मकसद से यह सारी नीतियां बना रहे हैं, जिसका विरोध स्थानीय स्तर से लेकर राजनीतिक स्तर तक के लोग कर रहे हैं। लक्षद्वीप में चल रहे विवाद के चलते प्रदर्शन करने वाले लोगों में से 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है जिसमें से स्टूडेंट है, गिरफ्तार किए गए इन तीनों लोगों पर आरोप लगाया गया है कि वह प्रशासक को आपत्तिजनक मैसेज कर रहे थे।
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लक्षद्वीप के प्रशासक का बचाव करने उतरे बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी, कहा- यूटी में नेताओं के भ्रष्ट चलन को करना चाहते खत्म
वही लक्षद्वीप (Lakshadweep) के प्रशासक के बचाव में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी (BJP National Vice President AP Abdullakutty) उतरे हैं और उन्होंने विपक्षी सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी सांसद मात्र इसलिए प्रशासक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि प्रफुल्ल पटेल लक्षद्वीप में नेताओं के भ्रष्ट चलन (corrupt practices of politicians) को खत्म करना चाहते हैं, जिसके तहत उन्होंने यह खास कदम भी उठाए हैं, लेकिन वही कैरल की विधायक (Kerala MLA) का कहना है कि प्रफुल पटेल द्वारा टूरिज्म सेक्टर पर कॉन्ट्रैक्ट में काम करने वाले कई सरकारी अधिकारियों को बिना किसी कारण नौकरी से हटा दिया गया। बता दें कि साल 2020 में दिसंबर को प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) को लक्षद्वीप का प्रशासक (Lakshadweep Administrator) नियुक्त किया गया था, इसके साथ ही वह जब गुजरात (Gujarat) के सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे तब उनके कैबिनेट के मंत्री रह चुके हैं।।
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