कोरोना के इस दौर में देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य सभी राज्यों में oxygen की भारी कमी होने की खबरे आ रही है और इसका असर मरीजो पर देखने को मिल रहा है। ऐसा नही है की केवल सरकारी अस्पताल ही इस समस्या से जूंझ रहे है प्राइवेट अस्पतालों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। सरकारी अस्पताल चाहे वह AIIMS हो या Safdarjung हो या फिर प्राइवेट अस्पताल जैसे Fortis ये सभी oxygen की भारी कमी से गुजर रहे है। देश के कई बङे बङे राज्य जैसे की महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा के अस्पतालों मे भी भारी मात्रा मे medical oxygen की खपत देखने को मिल रही है। कुछ अस्पतालो की हालत ऐसी हो गई है कि बाहर Oxygen out of stock का बोर्ड लगा दिया और कुछ ने तो high court का रूख किया। कुछ अस्पताल ऐसे भी है जहाँ oxygen की खपत के वजह से मरीजो को दूसरी जगह जाने के लिए कहना पङ रहा है और कही कही तो मरीजो के परिजन खुद खाली cylinder लेकर refilling के लिए जा रहे है।
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Oxygen कमी के वजह से कोरोना के मरीजो को बचाने के लिए डॉक्टरो को काफी जद्दोजहद करनी पङ रही है, oxygen की supply नही मिलने के वजह से अब तक कई मरीजो ने दम तोङ दिए है। मरीजो के परिजन एवं अन्य लोग oxygen के लिए हर जगह से कोशिश में लगे है, कईयों ने तो social media का भी सहारा लिया। अब तक social media में अनेको लोग oxygen cylinder की माँग की अपील करते हुए नजर आए है। आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके कारण देश में medical oxygen की इतनी भयंकर रूप से कमी देखने को मिल रही है।
क्यो हो रही है medical oxygen की कमी
जैसे जैसे कोरोना के संक्रमण बढ रहा है वैसे वैसे oxygen की मांग भी बढती जा रही है। कोरोना के केस इतनी तेजी से बढे है की मरीजो को टेस्ट एवं इलाज में इंतजार करना पङ रहा है। हालत इतनी गंभीर हो रखी है कि लोग काफी तेजी से अस्पतालो मे भर्ती हो रहे है। इस वजह से oxygen की जरुरत भी तेजी से बढ रही है।
हालांकि कुछ राज्यों ने कोरोना के हालात को काफी अच्छे से संभाला है। केरल को ही ले ले, केरल सरकार ने पहले तो oxygen की supply बढा दी। इतना ही नही oxygen की supply पर कङी निगरानी भी रखना शुरू कर दिया की कही इसका गलत इस्तेमाल तो नही हो रहा। केरल ने पहले से ही arrangements कर रखा था जिस वजह से अब उसके पास surplus oxygen है, यही नही अब यह दूसरे राज्यों में भी oxygen supply कर रहा है। लेकिन दिल्ली और अन्य अनेक राज्य ऐसे है जहां खुद का oxygen plant नही है जिस वजह से वे oxygen के लिए दूसरे राज्यो पर निर्भर है।
सरकार को क्या करना चाहिए
सरकार को जिन राज्यो में oxygen plant नही है वहां oxygen की supply बढानी पङेगी और जल्द ही इन जगहो पर oxygen plant का भी जुगाङ करना होगा जिससे की oxygen की खपत न हो। इतना ही नही oxygen की चोरी को रोकने के लिए सरकार को इस पर कङी निगरानी भी रखनी पङेगी। कोरोना मरीजो के लिए oxygen के साथ साथ बेड की भी संख्या बढानी पङेगी।
कहां हो रही है सरकार से गलती
सरकार ने शायद covid-19 के second mutant को गम्भीरता से नही लिया, इसलिए केस तेजी से बढने के बावजूद सरकार oxygen की कमी को रोकने में नाकाम हो गई है।
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इतना ही नही यदि सरकार राज्यो मे मतदान से पहले होने वाले रैलियों में जितने खर्चे किए थे उसका इस्तेमाल यदि कोरोना के मरीजो के oxygen में करती तो शायद देश को विदेशो से मदद लेने की आवश्यकता नही पङती। USA, फ्रांस, रूस, UK, कनाडा इत्यादि देशो से भारत में oxygen ही नही बल्कि अन्य equipment की supply की जा रही है। और अब तक इन देशो ने काफी हद तक मदद की है। यह काफी शर्म की बात है की हमारे देश मे रैलियो पर पैसे पानी की तरह बहा दिये जाते है और मरीजो को ठीक करने के लिए हम दूसरे देशों पर आश्रित हो गए है। ऐसा लगता है जैसे सरकार पिछली वर्ष के तरह ही बिना किसी plan के कोरोना को मात देने का सोच रही थी। यदि ऐसे ही हालात रहे तो पता नही और कितने मरीज अपने जान से हाथ धो बैठेगे।