देशभर में कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) से तबाही का माहौल है। संक्रमण (Infection) तेजी से फैल रहा है। कोरोना से निपटने के लिए देश में संसाधन धीरे-धीरे कम पड़ते जा रहे हैं। लाख कोशिशों के बाद भी कहीं ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है, तो कई अस्पतालों में बेड पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहे। लोग लाचार हैं, लेकिन इस लाचारी के दौर में एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) हवा के जरिए फैल रहा है। यू तो कोरोना के हवा से हवा में फैलने की आशंका काफी पहले से जताई जा रही थी। लेकिन एक साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इस आशंका की पुष्टि कर दी है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पूरे एक साल बाद आखिर कार ये मान लिया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) हवा से भी फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) अपने गाइडलाइन (WHO Guidelines) में ये बदलाव करते हुए कहा, “वायरस खराब वेंटिलेशन या भीड़ वाली बंद जगहों में हवा से भी फैल सकता है। ऐसी जगह जहां लोग लंबे समय तक लोग रहते हैं खतरनाक हैं। क्योंकि वायरस एयरोसोल (Aerosol) के जरिए एक मीटर से भी ज्यादा दूर तक जा सकते हैं”। WHO ने बताया कि, “वायरस ज्यादातर वैसे लोगों के बीच फैलता है जो एक-दूसरे के करीब होते हैं, आमतौर पर 1 मीटर से कम दूरी पर होते हैं”।
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दरअसल, कोरोना वायरस से जुड़े सवालों के जवाब WHO ने अपडेट किए हैं। इनमें सवालों में इसका भी जवाब शामिल है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) लोगों में कैसे फैलता है? बता दें कि WHO अब तक कहता आया था कि कोरोना हवा से भी फैलता है इस बात के पर्याप्त सबूत अभी नहीं मिले हैं। अब जब WHO ने ये मान लिया कि कोरोना हवा से फैलता है। इसका सीधा मतलब ये है कि कोरोना से बचाव के लिए अब प्रोटोकॉल (Corona Protocol) में बदलाव करना होगा। वायरस से लड़ने की रणनीति बदलनी पड़ेगी। खास कर भारत जैसे देश में जहां लोग अब भी लापरवाही पर उतारू हैं। जहां सामाजिक दूरी (Social Distancing) से सुरक्षा अब भी मुमकिन नहीं हो पा रहा और लोग फेस मास्क (Face Masks) लगाने में अब भी लापरवाही करते हैं।
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CDC ने भी माना, हवा में फैलता है कोरोना
अमेरिकी संस्था सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) ने भी गाइडलाइन्स को संशोधित करते हुए बताया कि कि कोरोना वायरस हवा से फैलता है। उसमें स्पष्ट कहा गया है, “वायु जनित वायरस सांसों के जरिए संक्रमित शख्स से छह फीट की दूरी पर होने के बावजूद शरीर में दाखिल हो सकता है।” सीडीसी (CDC) की ये बात उसके पुराने स्टैंड में आए बदलाव को दर्शाता है। हालांकि एजेंसी ने बताया कि संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए अब भी सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और मास्क का इस्तेमाल समेत उसकी पूरानी सिफारिश ही रहेगी।
कैसे फैलता है कोरोना? इस सवाल पर काफी बहस हुई है।
दरअसल, 2019 में चीन में कोरोना फैलने के बाद से ही इस पर बहस शुरू हो गई थी कि कोरोना वायरस कैसे फैलता है क्या ये हवा से फैल रहा है? इस बहस के पीछे एयरोसोल (Aerosol) और ड्रॉपलेट (Droplets) को लेकर वैज्ञानिकों के बीच मतभेद बताया जा रहा था। ज्यादातर वैज्ञानिकों के मुताबिक छींकते, बोलते, खांसते या फिर गाते हुए इंसान की मुंह या नाक से जो छींट या बूंदें निकलती हैं उसे ही ड्रापलेट (Droplets) कहते हैं। ड्रापलेट का साइज 5 माइक्रोमीटर से बड़ा होता है। उनमें वायरस होने के बाद भी वह अपने वजन के चलते दो मीटर से ज्यादा दूर नहीं जा सकते हैं और गुरुत्वाकर्षण के वजह से वह नीचे गिर जाते हैं। यानी इस थ्योरी के हिसाब से कोरोना वायरस (Coronavirus) हवा से नहीं फैलता है। वहीं, एक्सपर्ट्स के दूसरे समूह की माने तो नाक और मुंह से निकलने वाले छींटों का आकार 5 माइक्रोमीटर से भी छोटा होता है और वह छोटे साइज होने के वजह से हवा में तैरते हुए दूर तक जा सकते हैं। यानी इस थ्योरी के हिसाब से देखा जाए तो कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है। लेकिन अब जब डब्ल्यूएचओ (WHO) और सीडीसी (CDC) जैसे संस्थाओं ने मान लिया है कि कोरोना वायरस हवा में भी फैलता है तो हमें और भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
इनसे पहले अप्रैल में ही दुनिया के सबसे मशहूर मेडिकल जर्नल द लैंसेट (The Lancet) ने भी दावा किया था कि कोरोना वायरस हवा से फैल रहा है। 10 सबूतों के साथ द लैंसेट ने ये दावा किया था। आइए आपको बताते है कि द लैंसेट (The Lancet) कौन-कौन से 10 सबूत पेश किया था।
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