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अंग्रेजी दवाइयों के साथ होम्योपैथी भी है कोरोना को मात देने में सहायक, डॉक्टर दे रहे सलाह

कोरोना भारत स्वास्थ्य

कोरोना महामारी (corona epidemic)  के चलते जो मौत का तांडव चल रहा है जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। कोरोना के केस (Corona Cases) लगातर बढ़ते जा रहे है, जो कि रुकने का नाम नहीं ले रहे, जिससे देश में तबाही जैसा मंजर हो गया है। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब कोरोना से किसी अपने या किसी जानने वालों की इस दुनियां से विदा होने की खबर न सुनाई दे। जिसके चलते लोगों के ऊपर दुखों के पहाड़ टूटे हुए है। जो मरीज कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते जिंदगी और मौत की बीच झूल रहे है उनके लिए ऑक्सीजन बेड (Oxygen Bed), वेंटीलेटर बेड (Ventilator Bed), रेमडेसिविर (Remdesivir injection), प्लाज्मा (Plasma) की मांग वाले पोस्ट का मानो सोशल मीडिय़ा (Social Media) पर सैलाब उमड़ रहा है। कोरोना महामारी  से निपटने के लिए  व्यक्ति हर संभव प्रयास करता नजर आ रहा है लेकिन सभी प्रयास विफल होते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच एक राहत भरी खबर आई है कि अंग्रेजी दवाई के साथ ही अब होम्योपैथी दवाई (Homeopathy Medicine) भी कोरोना से लड़ने में कारगर सिद्ध हो रही है। यह कहना हैं “आरआरटी डॉ मनीष तिवारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पंकज शुक्ला का” वो बताते है कि गाइड लाइन का पालन करते हुए होम्योपैथी दवाओं (Homeopathy Medicine) के लक्षण के अनुसार प्रयोग करने से पॉजिटिव परिणाम आ सकते हैं। वहीं वाराणसी में कोविड-19 के मरीजों और कोरोना महामारी से बचाव में होम्योपैथी दवाई (Homeopathy Medicine) भी लाभकारी सिद्ध हो रही है।

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जिलाधिकारी ने दिए होम्योपैथी दवा के प्रचार करने के निर्देश

होम्योपैथी चिकित्सकों की मदद से इस दवा को तैयार किया गया है। जिसके बाद जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने इस दवा के प्रचार करने के निर्देश दे दिए है। वहीं इस पूरे वाकया को लेकर चिकित्सक डॉ पंकज शुक्ला का कहना है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए होम्योपैथी दवाओं का लक्षण के अनुसार सेवन करने से अच्छे परिणाम आ सकते है। कोरोना महामारी से होने वाली परेशानियों को काफी हद तक होम्योपैथी दवाई के प्रयोग से रोका जा सकता है। होम्योपैथी दबाई में प्रयोग होने वाली फॉस्फोरस 200, आर्सेनिक एलबम 30 कार्बो वेज, ब्रायोनिया एलबम 200 के बहुत ही लाभकारी रिजल्ट सामने आ रहे हैं। आक्सीजन की कमी महसूस होने वाले मरीजों पर कार्बो वेज 6 ओर 30 पोटेंसी की दवा काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। जो मरीज खुली हवा में रहना चाहते हो, जो हमेशा खिड़की दरवाजे खोलकर श्वास लेना चाहते हो, जिसको ऑक्सीजन लेवल कम होने से सायोनोसिस की समस्या उत्पन्न हो रही हो तथा हीमोग्लोबिन की कमी हो, होठ और चेहरा नीला पड़ने लगे तो इस परिस्थिति में कार्बो वेज 6 या 30 दिन में 3 से 4 बार ही दें।

ये सभी होम्योपैथी दवाईयां हो रही है लाभकारी सिद्ध

वही फेंफड़ों की बीमारियों में फास्फोरस 200 पोटेंसी की दवा काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। ये दवा उन मरीजों को देनी चाहिए जिनकों ऐसा लगता हो कि उनके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया है या उनकों सांस लेने में परेशानी हो रही हो या किसी को लगातार सूखी खांसी आ रही हो या फिर फेफड़ों में जकड़न आ गयी हो। इस तरह की परिस्थिति में फास्फोरस 200 दिन में 1 या 2 बार दे, व ध्यान रहे कि इस दवा को लगातार किसी भी मरीज को 3 दिन से ज्यादा न दें। कोविड -19 के लक्षण जैसी बीमारियों में आर्सेनिक एलबम 30 एक जीवन रक्षक होम्योपैथी दवा के रूप में कार्य करती हैं, जिस व्यक्ति को जरा भी हिलने डुलने में थकान हो, श्वास लेने में परेशानी हो व जिसको लगता हो कि उसके शरीर में कमजोरी व घबराहट हो रही है। साथ ही जिसको लगता हो कि वह अब नहीं जी पायेगा। ऐसी परिस्थिति में आर्सेनिक एलबम 30 दिन में 2 या 3 ही लेनी चाहिए जिससे काफी आराम मिलता है।

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नोट- ये सभी जानकारी रिसर्ट स्टडी पर आधारित है इनकी www.newsheights.com पु्ष्टी नहीं करता है। बिना डॉक्टर के सलाह मश्वरे के इन दावाइयों का इस्तेमाल ना करें। एक बार अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इनका सेवन करें।

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