बंगाल का नारदा घोटाला (Narada Sting Case) के वजह से पश्चिम बंगाल में इलेक्शन के बाद इक बार फिर से राजनीतिक महौल बना हुआ है। ममता बनर्जी के लगातार तीसरी बार सत्ता में आते ही Narada Sting Case की जांच एक बार फिर से शुरू हो गई है। Central Bureau of Investigation अथार्त CBI ने तृणमूल के चार नेताओं पर शिकंजा कसा हुआ है। 2016 में हुए इस Narada Sting Case एक बार फिर से ममता की सरकार के लिए मुश्किले खङा कर रहा है। इन सब से पहले आइए Narada Sting Case के बारे में जानते है
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बंगाल का नारदा घोटाला क्या है? What is Narada Sting Case?
पश्चिम बंगाल में 2016 में हो रहे विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नारदा डॉट कॉम के CEO Mathew Samuel ने एक sting video निकाल कर बंगाल में पलचल मचा दिया था। दरअसल इस video में तृणमूल के सात सांसद, कोलकाता नगर निगम के मेजर शोभन चटर्जी और तीन मंत्री रिश्वत लेने के साथ साथ एक फर्जी कम्पनी को उसके कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते हुए कैमरे में कैद हुए थे। खैर यह बता दे की इस sting video में फर्जी कम्पनी के नाम पर रिश्वत देने वाला कोई और नही स्वयं Mathew Samuel ही थे। इस video के सामने आते ही बंगाल की राजनीति में तो मानों जैसे की भूचाल आ गया हो। जहां एक तरफ विपक्ष की पार्टी ने इस video को ममता के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू किया था तो वहीं दूसरी तरफ ममता ने इसे एक राजनीतिक चाल बता कर मामला को रफा दफा करने की कोशिश की थी। इस मामला को 2017 में High Court ने CBI जांच के लिए आदेश दिया था।
Narada Sting Case में तृणमूल के कौन कौन नेता शामिल थे?
Narada News के इस sting video में तृणमूल के कई बङे नेता नजर आये थे जिनमें मुकुल रॉय (जो कि अब BJP में है), मदन मित्रा, शोभन चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, शुभेन्दु अधिकारी (जो कि अब BJP में है), फरहाद हकीम, काकोली घोष, प्रसून बनर्जी, सुल्तान अहमद और इकबाल अहमद शामिल थे। इन सब के अलावा एक senior police officer एम एच मिर्जा भी शामिल थे जो कि इन सब नेताओं के साथ रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे थे। Forensic investigation के दौरान यह video सही पाया गया था जिस वजह से Narada News के CEO Mathew Samuel को High Court से राहत मिल गई थी। Narada Sting Case में फँसे इन नेताओं में 6 लोकसभा से और मुकुल रॉय राज्य सभा में थे। फिलहाल मुकुल रॉय BJP के तरफ है और हाल ही में विधायक के रुप में चुने गये है। वैसे तो ऐसा बताया जा रहा है कि उस sting video में मुकुल रॉय रिश्वत लेते हुए नहीं दिख रहे है जिस वजह से उनके खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है। इसके अलावा Narada Sting Case में फँसे एक आरोपी सांसद सुल्तान अहमद का निधन हो चुका है और काकोली घोष एवं प्रसून बनर्जी के खिलाफ CBI ने मुकदमा चलाने का अनुमति मांगी थी जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने मंजूरी नही दी।
यह था Narada Sting Case का इतिहास, अभी वर्तमान समय में तृणमूल सरकार से दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम को कोलकाता में सोमवार यानि की 17/05/21 को CBI ने गिरफ्तार किया और इन दोनो के साथ साथ पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और विधायक मदन मित्रा को भी केस के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। CBI ने बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखर से Narada Sting Case में जुङे इन चारो नेताओं के खिलाफ जांच करने के लिए इजाजत मांगी थी जिसे चुनाव के बाद ही गवर्नर ने जांच के आदेश दे दिये थे और इसके बाद से ही CBI की टीम पूरे मामले की जांच परताल में लग गई थी। अपने मुख्य नेताओं की गिरफ्तारी पर ममता बनर्जी बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो गई थी और उन्हे बचाने के लिए यह स्वयं अपने वकील के साथ CBI के दफ्तर पहुँच गई और वहां पहुंंच कर वह खुद को भी गिरफ्तार करने के लिए कहने लगी। ममता करीबन 45 मिनट तक CBI के दफ्तर पर रुकी थी।
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तृणमूल के तरफ से यही बताया जा रहा है कि यह एक राजनीतिक साजिश के तहत किया गया है। क्या BJP बंगाल इलेक्शन में मिले हार का बदला ले रही है? यह सब अभी कहना कठिन है CBI अपने जांच पङताल में लग गई है और अब इसी जांच पङताल से सच का खुलासा होगा।