क्या खूब कहा है शायर ने की टूटने लगे हौसले तो यह याद रखना बिना मेहनत के तख्तो ताज नहीं मिलते, ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते, इस शायरी को बेहद खूबसूरती से रेखांकित किया है पंजाब की हरविंदर कौर उर्फ रूबी ने। वो कहते हैं ना कि हर किसी को जिंदगी में सब कुछ नहीं मिलता, कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ तो कमी रह ही जाती है, पर क्या है ना बनावटी सुंदरता से कई ज्यादा खूबसूरत होती है मन के अंदर बसा हुआ हौसला। अगर मन में हौसला हो तो क्या कुछ नहीं पाया जा सकता। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है 24 साल की हरविंदर कौर ने। हरविंदर कौर एक छोटे कद की महिला है जिसकी वजह से अक्सर लोगों ने उन्हें अपने हंसी का पात्र बनाया है। हरविंदर की हाइट सिर्फ 3 फीट 11 इंच है। इसके बावजूद हरविंदर कौर ने अपने लक्ष्य को पाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज अपने हौसलों के पंखों के दम पर खुले आसमान में उड़ान भर रही है।
दरअसल हरविंदर कौर पंजाब के भटिंडा जिले के पास बसे एक नगर रामा मंडी की निवासी है, जो कि पंजाब के जालंधर कोर्ट की एडवोकेट है। देश की सबसे छोटे कद वाली वकील हरविंदर कौर को बचपन से ही अपनी कम हाइट को लेकर ताने सुनने पड़ते थे, लेकिन जो मुकाम आज उन्होंने हासिल कर लिया है उसके बाद से अब उनका यही छोटा कद चर्चा का विषय और लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वकील हरविंदर कौर का बचपन से ही एयर होस्टेस बनने का सपना था, लेकिन कम हाइट की वजह से उनका यह सपना साकार नहीं हो सका। मीडिया से चर्चा करते वक्त हरविंदर कौर ने बताया कि वह हॉकी भी खेलना चाहती थी, पर छोटे कद की वजह से उनकी हॉकी खेलने की इच्छा भी पूरी ना हो सकी। अपने कद को बढ़ाने के लिए उन्होंने हर तरह के जतन किए। कई डॉक्टरों से इलाज कराएं पर नतीजा उन के फेवर में नहीं आया। लोगों की तानों से वह इतना तंग आ चुकी थी। एक वक्त पर वह इतना टूट चुकी थी, कि उन्होंने खुद को लोगों से दूर कर लिया था और वह अक्सर अपने आप को कमरे में बंद कर लेती थी। कई बार तो उनके मन में आत्महत्या करने का विचार भी आया। अपनी कम हाइट के चलते हरविंदर ने एयर होस्टेस बनने के सपने को ठंडे बस्ते में डाल दिया और फिर अपना पूरा फोकस पढ़ाई की ओर लगा दिया।
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एडवोकेट हरविंदर कौर अपने इंटरव्यू में आगे कहती हैं कि मोहल्ले वालों से लेकर स्कूल के दोस्तों ने उनके कद का काफी मजाक बनाया। कई बार तो हरविंदर ने आत्महत्या करने का भी विचार बना लिया था। 12वीं के बाद हरविंदर कौर ने कानून की फील्ड में अपनी सुनहरी पहचान बनाने का फैसला लिया और लॉ की पढ़ाई में जुट गई। अब वह एडवोकेट है और आगे जज बनने का सपना संजो रही हैं। हरविंदर कहती है कि उन्होंने कक्षा बारहवीं के बाद सोशल मीडिया का भी काफी उपयोग किया और वह पूरे वक्त मोटिवेशनल वीडियो देखती थी, जिससे उनके हौसलों को पंख मिलने लगी और फिर उन्होंने ठान लिया कि उन्हें जैसा ईश्वर ने बनाया है वह उसी रूप को स्वीकार करेंगी और अपने आगे का रास्ता खुद तय करेंगी।
बता दें कि हरविंदर सोशल मीडिया पर मोटिवेशनल स्पीकर भी है, उनके कई फॉलोअर है। जो हरविंदर पहले दूसरों के मोटिवेशनल वीडियो देखकर खुद को मोटिवेट करती थी आज वह खुद लोगों के लिए मोटिवेशन का आधार बन गई है।
हरविंदर कौर उर्फ रूबी देश की हजारों लड़कियों के लिए यह सीख देती है कि बाहरी खूबसूरती अगर ना भी हो तो भी अपने बुलंद हौसलों से दुनिया पर राज किया जा सकता है। हरविंदर कौर उन सभी लोगों के लिए एक गाल पर तमाचा की तरह उभरी है, जो लोगों की काबिलियत को उनके रंग, रूप, कद और जात-पात से आंकते है।
Thanks for bringing up the amazing and successful story of Harwinder Kaur. Keep inspiring with such beautiful articles.