देशभर में इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) कहर बरपा रही है। पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर कहीं ज्यादा खतरनाक है। दूसरी लहर ज्यादातर देश के युवाओं को अपना शिकार बना रही है। अभी देश दूसरी लहर से ही जूझ रहा था कि वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) आने का अंदेशा भी जता दिया हैं। हालांकि, तीसरी लहर कब आएगी, ये कितनी खतरनाक होगी और किस पर इसका सबसे ज्यादा वार होगा इसे लेकर वैज्ञानिक अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। लेकिन ये आशंका जरूर है कि तीसरी लहर का कहर बच्चों पर टूट सकता है। इसलिए दुनिया भर में बच्चों को वैक्सीन देने का मास्टर प्लान (Master Plan) तैयार होना शुरू हो चुका है। अमेरिका (America) में बच्चों का टीकाकरण जल्द शुरू होने वाला है। अमेरिका के अलावा कनाडा (Canada) ने भी बच्चों के टीकाकरण (Child Vaccination) को हरी झंडी दे दी है। उधर, भारत में भी जल्द ही 2 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल (Vaccine Trail) शुरू होने जा सकता है।
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बच्चों के लिए अमेरिका और कनाडा में फाईजर वैक्सीन!
अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) ने फाईजर (Pfizer) के टीके को बच्चों को दिए जाने की मान्यता दे दी है। फाईजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) का ट्रायल अमेरिका में 10 से 15 साल की उम्र के 2000 बच्चों पर हुआ था जिसके बाद इस वैक्सीन को बच्चों के लिए प्रभावी और सुरक्षित पाया गया। इस डबल डोज वैक्सीन (Double Dose Vaccine) के अच्छे नतीजों के बाद अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) के लिए एफडीए (FDA) ने इसे मंजूरी दे दी। इससे बच्चों का टीकाकरण (Child Vaccination) भी गुरुवार से शुरू हो जाएगा। अमेरिका में तेजी से वैक्सीन पर काम इसलिए हुआ क्योंकि नए-नए वेरिएंट (New Variant) से बच्चों के लिए खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में 11 से 17 साल के उम्र के करीब 15 लाख बच्चे अब तक संक्रमण (Infection) का शिकार हो चुके है। इस खतरे से निपटने के लिए बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन पर काम करना बहुत जरूरी था। अमेरिका और कनाडा जैसे देश में फाइजर बायोटेक (Pfizer-BioNTech) ने ट्रायल किए और फिर अच्छे नतीजों के बाद बच्चों के वैक्सीन को मंजूरी मिली। कनाडा (Canada) पहला देश था जहां कुछ दिन पहले ही फाइजर के इसी वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी। इससे कनाडा में 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू होगा। कनाडा में 6 महीने से 11 साल तक के बच्चों के लिए भी वैक्सीन की तैयारी चल रही है। इस वैक्सीन पर भी फाइजर बायोटेक (Pfizer-BioNTech) रिसर्च कर रही है। जल्द ही इसके भी नतीजे आएंगे।
भारत में जल्द आएगी बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन
ज्यादातर देश में अभी 18 प्लस आबादी को ही टीका (Vaccination For 18 Plus) लगाया जा रहा है। कहीं-कहीं टीकाकरण की न्यूनतम उम्र 16 साल भी है। लेकिन इससे कम उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका अभी कहीं भी नहीं लगाया जा रहा था लेकिन अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की पहल के बाद पूरी दुनिया में एक उम्मीद जगी है। शायद यही वजह है कि अब भारत में भी दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए जल्द कोरोना वैक्सीन का ट्रायल (Corona Vaccine Trial) शुरू किया जाएगा। दरअसल, कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (Subject Expert Committee) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Bharat Biotech Covaxin) का 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल करने की सिफारिश की, जिसकी मंजूरी मंगलवार को मिल गई। ये क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) 525 बच्चों पर किया जाएगा, ये ट्रायल दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS), नागपुर के मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MIMS), पटना एम्स (Patna AIIMS) जैसे अस्पतालों में होगा। इस कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को तीसरे फेज़ का ट्रायल शुरू करने से पहले दूसरे फेज़ का सारा डाटा उपलब्ध कराना होगा।
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ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद भारत में भी अब बच्चों के वैक्सीन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। तीसरी लहर (Third Wave) के कहर को कम करने के लिए इसकी सख्त जरूरत थी, क्योंकि भारत में 18 साल से कम उम्र की बहुत बड़ी आबादी है और जहां आने वाले वक्त में बच्चों के ऊपर सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। 0 से लेकर 18 साल तक के एज ग्रुप की आबादी देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है। इस आबादी में वायरस से लड़ने वाली हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) तब तक तैयार नहीं हो सकती, जब तक की इनका वैक्सीनेशन (Vaccination) नहीं होता। अगर इनका वैक्सीनेशन नहीं होगा तो आने वाले वक्त में बच्चे ही इंफेक्शन के करियर (Infection Carrier) बन जाएंगे और बड़ों को संक्रमित (Infected) करेंगे। इसलिए इसे रोकने के लिए तीसरी लहर आने तक हमें देश के ज्यादातर बच्चों को वैक्सीनेशन में शामिल करना होगा।