देश दुनिया में काफी लंबे समय से हाहाकार मचाने के बाद आप कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर कमजोर पढ़ने लगी है। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को रोकने के लिए सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) पर जोर दिया जा रहा है। भारत में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) के टीके 18 से उपर उम्र वाले लोगों को दिए जा रहे है। लेकिन कोविशील्ड वैक्सीन (covishield vaccine) के दूसरे डोज लगने की अवधी को लेकर कई दफा गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। पिछले दफा जारी की गई गाइडलाइन को लेकर कोविडशिल्ड (Covishield) की दूसरी डोज (Second dose) की अवधी 12-18 हफ्ते की गई है। लेकिन इस गेप को लेकर अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (United State President Joe Biden) के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर एंथॉनी फाउची (Dr. Anthony Fauci) ने भारत में टीकाकरण डोज (vaccination dose in india) के बीच में गैप बढ़ाने को लेकर सवाल किए है। डॉक्टर एंथॉनी फाउची का कहना है कि वैक्सीन के दूसरे डोज में गैप के कारण लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने (corona infection spread) का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर फाउची के इस बयान को लेकर भारत सरकार (Indian government) इस पर प्रतिक्रिया दी गई है।
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डॉक्टर एंथॉनी फाउची ने कहा डोज के गैप को बढ़ाने से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा, इस बात का किया समर्थन
दरअसल, अंग्रजी न्यूज मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर फाउची ने कहा कि फाइजर जैसी एमआरएनए (MRNA) टीके के डोज की बीच में 3 सप्ताह और मॉर्डर्ना वैक्सीन (Moderna Vaccine) की दो डोज के बीच में चार हफ्ते का गैप होना जरुरी है। ब्रिटेन द्वारा हाल ही में वैक्सीन के डोज के गैप को बढ़ा दिया है जिससे संक्रमण का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ सकता है। लोगों का सही वक्त पर टीकाकरण करना जरुरी है। वहीं डॉक्टर फाउची का ये भी मानना है कि वैक्सीन की सप्लाई में दिक्कत आने के चलते डोज के बीच गैप बढ़ाना जरुरी भी है।
डॉक्टर एंथॉनी फाउची के सवाल पर नीति आयोग के मेंबर डॉक्टर वीके पॉल ने दिया जवाब
वहीं डॉक्टर एंथॉनी फाउची के खड़े किए गए सवाल पर नीति आयोग के मेंबर (NITI Aayog member) और डॉक्टर वीके पॉल द्वारा जवाब दिया गया है। डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि लोगों की इस बात की चिंता करने की जरुरत नहीं है कि कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के दोनों डोज में गैप बढ़ा दिया गया है। वहीं भारतीय परिदृश्य में वैक्सीन को दोनों डोज के गैप को कम करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों (scientific studies) पर जोर देने की जरुरत है। गौरतलब है कि हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट्स में वैक्सीन के दूसरे डोज के गैप को कम करने का समर्थन किया गया है। उन्होंने कहा है कि अगर वैक्सीन की कमी है तो दूसरी डोज में गैप को बढ़ाना एक सही फैसला है। दूसरे डोज में गैप को बढ़ाने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को पहली वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी। डॉक्टर फाउची ने कहा है दूसरे डोज में गैप के कारण वैक्सीन की प्रभाव क्षमता पर असर पड़े इसकी संभवाना कम है।
वैक्सीन के गैप को बढ़ाने का फैसला सोच समझकर और ध्यानपूर्वक लिया गया- डॉ पॉल
डॉक्टर पॉल द्वारा आगे कहा गया कि वैक्सीन के गैप को बढ़ाने को लेकर लोगों को चिंता करने की जरुरत नहीं है। वैक्सीन के गैप को बढ़ाने का फैसला सोच समझकर और ध्यानपूर्वक लिया गया है। वहीं डोज के बीच में जब अंतर बढ़ाया गया था तो हमे इस बात पर भी गौर करना चाहिए जिन्हे वैक्सीन को एक डोज ही मिल पाया है। वैक्सीन के डोज के गैप को इसलिए भी बढ़ाया गया है क्योंकि सभी को पहली डोज तो मिल ही जाए और उनकी इम्यूनिटी (Immunity) भी बेहतर हो सके। वहीं उन्होंने आगे कहा कि चिंताओं को बैलेंस करने की जरुरत है। वहीं वैक्सीन के डोज के बीच के गैप को लेकर जानकार लोगों को शामिल कर इस विषय पर सहीं निर्णयों को लिया जाना चाहिए है इन्हीं निर्णय को मंच पर ले जाना चाहिए। डॉक्टर पॉल ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सभी को नेशनल इम्यूनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (National Immunization Technical Advisory Group) द्वारा जारी की गई गाइडलाइन को सभी को पालन करना चाहिए।
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भारत सरकार ने वैक्सीन के गैप को लेकर कही ये बात
वहीं इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) का कहना है कि वैक्सीन डोज में गैप (Vaccine Dose Gap) को बढ़ाने का फैसला पूरी तरह से विज्ञान पर आधारित है और इससे लोगों में संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ेगा। बता दें कि 13 मई को भारत सरकार (Indian government) द्वारा एडवाइजरी जारी की गई थी जिसमें कोविडशील्ड के दूसरे डोज (second dose of covidshield) के गैप को 6-8 हफ्ते को बढ़ाकर 12-16 कर दिया गया था।
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इसका मतलब शत-प्रतिशत गरंटी नहीं 8 सप्ताह या 12 सप्ताह तक का अंतराल तो फिर आयुर्वेद में योग प्राणायाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली जड़ी बूटियों से बनी दवाई ही लेना ठीक है.