यास तूफान (Yaas Cyclone) के ने आते ही भारत के पूर्वी भाग में तबाही मचा दी है। चक्रवाती तूफान ताउते के असर ठीक से खत्म भी नही हुआ था कि दूसरा चक्रवात तूफान आकर खङा हो गया। ताउते ने अपने कहर से गुजरात, महाराष्ट्र एवं आस पास के राज्यों को नष्ट कर दिया। न जाने कितने लोग बेघर हो चुके है। खेतो में पानी घुस जाने के वजह से लाखो के फसलें नष्ट हो गयी। जहाँ एक तरफ देश कोरोना वायरस से ठीक से लङ नही पा रहा है वहीं दूसरी तरफ ताउते और अब यास (Yaas Cyclone) ने आकर मुश्किले और बढा दी है। ताउते के असर से अनेको लोग मारे गये, इसे खत्म हुए मुश्किल से चार से पाँच दिन ही हुए होगें की भारत के दूसरे छोर यानि की पूर्वी भाग में दूसरे चक्रवाती तूफान ने दस्तक दे दी।
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यास चक्रवाती तूफान क्या है || What is Yaas Cyclone?
ताउते के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने एक दूसरा चक्रवाती तूफान Yaas Cyclone के आने का ऐलान कर दिया था। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह तूफान ताउते से कम नही है। इस तूफान का नाम यास रखा गया है जिसे खतारनाक तूफानों मे से एक माना जा रहा है। इस तूफान का असर अंडमान निकोबार द्वीप समूह, ओडिसा और पश्चिम बंगाल पर होने की बात कही गई थी। इस चक्रवाती तूफान का नाम इस बार ओनाम देश ने दिया है, दरअसल यास का अर्थ है निराशा और इसके आने की सम्भावना 23-24 मई तक बताया गया था।
चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) का असर बंगाल और उडिसा में भयंकर रूप में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने आस पास के राज्यों मे भी आंधी तूफान आने की आशंका जताई है और झारखण्ड, बिहार, एवं उत्तर प्रदेश में यास (Yaas Cyclone) के कारण तेज बारिश होने की सम्भावना जताई थी। बिहार में मौसम विभाग के तरफ से चेतावनी जारी की गई थी पटना के साथ साथ 26 अन्य जिलों में बारिश होने की बात कही गई थी। इस पर बिहार के मुख्य मंत्री नीतिश कुमार ने एक अहम बैठक की जिसमें उन्होने राहत बचाव कर्मियों को अलर्ट रहने के साथ साथ अस्पताल में चल रहे मरीजो के इलाज पर कोई असर न पङे इस बात पर ध्यान रखने के लिए आदेश दिए।
चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) का असर बंगाल और ओडिसा के अलावा झारखण्ड में भी देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी थी और 26 मई को यास तूफान मे झारखण्ड के तरफ करवट ले लिया। ऐसा बताया जा रहा है कि 28 मई को राँची एवं उसके आस पास के जिलो में भारी बारिश होने के आसार है। भारी बारिश के साथ तेज हवा भी चलेगी। वही उत्तर प्रदेश में भी 26 से 28 मई तक य़ास के आने की बात कही गई थी। वैसे 26 मई को बारिश के साथ तेज हवाओं का असर देखने को मिला था।
यास का प्रभाव बंगाल और उडिशा में कैसा है
चक्रवाती तूफान यास का असर बंगाल और उडिशा में अभी भी देखने को मिल रहा है। भारी बारिश के साथ तेज हवाएं रुकने का नाम नही ले रही है। यास के वजह से पश्चिम बंगाल के जिले पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना बुरी तरह से प्रवाहित हुए है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 28 और 29 मई को इन दोनो जिलों का हवाई निरीक्षण करने वाली है। इसके साथ साथ वह दीघा, सागर और हिंगलगंज का भी दौरा करने वाली है। वहीं दूसरी तरफ उडिशा में भी हाल कुछ ऐसा ही है, पश्चिम बंगाल में यास का असर थोङा कम देखने को मिला था, तेज बारिश के साथ हवायें चल रही है लेकिन उडिशा में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। बालासोर में तूफान आने से पहले ही मौसम खराब होता हुआ देखा जा रहा था। खैर वैसे तो NDRF की टीम ने समुद्र तटीय इलाको में रहने वालो को चक्रवाती यास (Yaas Cyclone) के आने से पहले ही सुरक्षित स्थानो में भेज दिया था। लगातार बारिश के कारण अब तक बंगाल एवं उडिशा के कई जिले पानी में डूब चुके है। यास के प्रभाव के कारण लाखो गांव में पानी भर चुका है, अनेकों घर उजङ गये। बचावकर्मी वहां से लोगो को निकाल कर सुरक्षित स्थानों में भेज रहे है। अब तक बंगाल में यास के तांडव से 3 लोगो की और उडिशा में एक की मौत हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार यानि की 28 मई को बंगाल और उडिशा का दौरा करेगे।
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जहां एक तरफ लोगो को कोरोना से बचाव के लिए घरो से निकलने के लिए मना किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यास और ताउते जैसे चक्रवाती तूफान लोगो को उनके घरो को छोङ बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रहे है। लगातार दो बङे चक्रवाती तूफान के कारण काफी नुकसान हो चुका है इतना ही नही कई जाने भी चली गई है। अनेको के घर नष्ट हो गये है, जिस वजह से अब उन्हे तूफान के खत्म होने पर अपने लिए दुसरा आश्रय ढूँढना पङेगा। समझ नही आ रहा है कि कोरोना पर ध्यान दे या फिर यास (Yaas Cyclone) जैसे तूफानो पर।
This too much….
People of Odisha is suffering but showing sympathy to west Bengal.