Vaccination Program in India

Vaccination Program: केंद्र सरकार की बड़ी तैयारी, साल के अंत तक सब को टीका लगाने का लक्ष्य, ये है प्लान

कोरोना भारत

देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की भारी किल्लत है, जिस वजह से कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) की रफ़्तार काफी धीमी पड़ रही है। यही वजह है कि केंद्र सरकार (Central Government) पर लगातार ये सवाल उठ रहे है कि अगर अपने देश के लिए सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं थी तो विदेशों में कोरोना वैक्सीन की खेप भेजने की क्या जरूरत थी और बिना तैयारी के देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Vaccination Program) को 1 मई से हरी झंडी क्यों दी गई? लेकिन चौतरफा घिरने के बाद अब केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन को गति देने और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए कमर कस ली है तो आईए आपको बताते है कि क्या है मोदी सरकार (Modi Government) का वैक्सीन प्लान?

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मोदी सरकार का वैक्सीन प्लान

अगस्त से दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज (Vaccine Dose) उपलब्ध होने की उम्मीद है। जिसमें से कोवैक्सीन (Covaxin) की 55 करोड़ डोज, 75 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की डोज, 30 करोड़ बायो-ई सब यूनिट वैक्सीन (Bio E Vaccine) की डोज, 5 करोड़ जायडस कैडिला वैक्सीन (Zydus Cadila) की डोज, 20 करोड़ नोवावैक्स वैक्सीन (Novavax Vaccine) की डोज, 10 करोड़ भरत बायोटेक (Bharat Biotech) की नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) की डोज, 6 करोड़ जीनोवा वैक्सीन (Gennova mRNA Vaccine) की डोज और 15 करोड़ स्पूतनिक वी वैक्सीन (Sputnik V Vaccine) की डोज उपलब्ध होंगे।

अगले हफ्ते से मिलने लगेगी स्पूतनिक वी

कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद स्पूतनिक वी तीसरी वैक्सीन होगी जो भारत में लगना शुरू होगी। स्पूतनिक की दूसरी खेप भी शुक्रवार को भारत पहुंच चुकी है। इससे पहले 1 मई को पहली खेप स्पूतनिक की भारत पहुंची थी। अब अगले हफ्ते से स्पूतनिक वी वैक्सीन भी लोगों को लगने लगेगी। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ((Dr. Vinod K. Paul)) ने कहा कि जुलाई से स्पूतनिक वी का उत्पादन देश में ही शुरू हो जाएगा, यानी स्पूतनिक को मेड इन इंडिया (Sputnik V Made in India) होने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

Sputnik V की एक डोज की कीमत 995.4 रुपये है

स्पूतनिक वी की सॉफ्ट लॉन्चिंग (Sputnik V Soft Launching) करते हुए डॉक्टर रैड्डीज लैब (Dr Raddy’s Lab) ने शुक्रवार को हैदराबाद में एक व्यक्ति को टीके की पहली डोज भी लगाई। रेड्डीज लैब ने कहा कि स्पूतनिक वी वैक्सीन (Sputnik-V Vaccine) की कीमत 948 रुपये है, जिस पर जीएसटी (GST) 5 फीसदी का लगेगा। जिसके बाद स्पूतनिक वी वैक्सीन की कीम 995.4 रुपये प्रति डोज हो जाएगी। हालांकि, स्पूतनिक वी वैक्सीन का निर्माण जब भारत में शुरू होगा, तब इसकी कीमत कम होगी।

स्पूतनिक वैक्सीन की खासियत क्या है

दरअसल, कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ़ बाजार में अब तक कई तरह के वैक्सीन बनाए जा चुके हैं। लेकिन बाजार में जितने भी वैक्सीन अभी चल रही है, इन सबमें डबल डोज (Double Dose) यानी दो बार वैक्सीन लगवाना का नियम है। लेकिन रूस की इस वैक्सीन (Vaccine) का सिंगल डोज लगाया जाता है। यानी इस वैक्सीन को एक बार ही लगवाना होगा। रूस की टीका उत्पादन करने वाली कंपनी का दावा है कि ये वैक्सीन 80 फीसदी तक प्रभावी होगी।

राज्यों को वैक्सीन के मामले में पूरी आजादी

केंद्र सरकार की तरफ से अब वैक्सीन मामले में पूरी आजादी दे दी गई है। नीति आयोग (NITI Aayog) के मुताबिक अब राज्यों को विदेश से वैक्सीन मंगाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। राज्य बिना किसी लाइसेंस के ही वैक्सीन का आयात कर सकेंगे। कोई भी वैक्सीन जो डब्ल्यूएचओ (WHO) और एफडीए (FDA) से प्रमाणित है वो भारत आ सकती है। नीति आयोग (NITI Aayog) के मुताबिक कोवैक्सीन का उत्पादन (Covaxin Manufacture) तेज करने के लिए अन्य कंपनियों को मदद देने का फैसला लिया गया है।

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कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच अब 12-16 हफ्ते का गैप

देश में वैक्सीन संकट के बीच फिलहाल कई राज्यों में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन रुका हुआ है। इस बीच कोविशील्ड (Covishield) की दोनों डोज के बीच का गैप बढ़ा देने का भी फैसला लिया गया है। अब कोविशील्ड की दूसरी डोज पहली डोज लेने के 12 से 16 हफ्ते बाद लगेगी। मार्च में केंद्र सरकार ने कोविशील्ड के दो डोज के बीच 4 से 8 हफ्तों का वक्त रखा था। शुरुआत में ये समय सीमा 4 से 6 हफ्ते की थी। इसकी सिफारिश राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने की थी। सरकार ने एनटीएजीआई (NTAGI) के इस सिफारिश को स्वीकर करने की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने दी। स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने ट्वीट करते हुए कहा, ”कोविशील्ड के दो डोज के बीच के गैप को 6 से 8 हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया है. ये फैसला कोविड वर्किंग ग्रुप की तरफ से की गई सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।”


हालांकि, कोवैक्सीन (Covaxin) की दूसरी डोज के समय में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार का ये दावा है कि ये फैसला अन्य देशों में हुई स्टडी को आधार बनाकर लिया है। बहरहाल जिस तरह से देश में वैक्सीन की कमी थी और 18+ के टीकाकरण (18+ Vaccination) पर ग्रहण के आशंका थी इस हालात में सरकार से इस फैसले से अब वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Vaccination Program) को रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

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